मोदी सरकार के अंतिम बजट में वेतनभोगियों को खुश करने के लिए हर संभव कोशिश की गई है। ग्रेच्युटी भुगतान सीमा को 10 लाख से 20 लाख रुपये कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब लगभग पांच साल के बाद नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली अधिकतम 10 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर अधिकतम 20 लाख रुपये कर दिया गया है।
बता दें कि ग्रेच्युटी आपकी सैलरी का वो हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानि एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है। ग्रेच्युटी वो लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है, और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है।
ग्रेच्युटी किसी भी ऐसे कर्मचारी को दी जानी होती है, जो नौकरी में लगातार 4 साल, 10 महीने, 11 दिन तक काम कर चुका हो। ऐसे कर्मचारी की सेवा को पांच साल की अनवरत सेवा माना जाता है, और आमतौर पर पांच साल की सेवाओं के बाद ही कोई भी कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार बनता है।
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला काफी आसान है। पांच साल की सेवा के बाद सेवा में पूरे किए गए हर साल के बदले अंतिम महीने के बेसिक वेतन और महंगाई भत्ते को जोड़कर उसे पहले 15 से गुणा किया जाता है, फिर सेवा में दिए गए सालों की संख्या से, और इसके बाद हासिल होने वाली रकम को 26 से भाग दे दिया जाता है, और वही आपकी ग्रेच्युटी है।