शराब सेहत के लिए काफी हानिकारक तो होता ही है। आए दिन शराब को लेकर नए शोध में इसके नुकसान बताए जाते हैं और अब नई रिसर्च के अनुसार शराब से डिमेंशिया का खतरा भी रहता है।
फ्रेंच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च की शोधकर्ता सेवरिन साबिया ने यूरे डाटाबेस के डाटा पर रिसर्च किया। 35 से 55 वर्ष के बीच करीब 9,000 लोगों पर की गई इस रिसर्च में सामने आया कि इन लोगों में आगे चलकर डिमेंशिया का खतरा बढ़ गया है।
हाल ही में हुए एक रिसर्च में सामने आया है कि शराब के ज्यादा सेवन से व्यक्ति में डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। डिमेंशिया में व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और उसकी सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
इतना ही नहीं, शराब के लंबे समय तक सेवन से अल्जाइमर की भी खतरा 50 फीसदी ज्यादा बढ़ जाता है। तो अगर आप भी शराब का ज्यादा सेवन करते हैं तो संभल जाएं। ज्यादा सेवन आपकी याददाश्त को कमजोर कर सकती है।
इन लोगों की शराब के सेवन को 23 साल तक रिसर्च किया गया। 23 साल बाद देखा गया कि जो लोग भारी मात्रा में शराब का सेवन करते हैं उनमें बुढ़ापे में डिमेंशिया का खतरा बढ़ गया।
रिसर्च में देखा गया कि सामान्य तौर पर जिन लोगों ने अपनी मिड लाइफ से लेकर बुढ़ापे तक हर हफ्ते 14 यूनिय शराब का सेवन किया है, उनमें 40 फीसदी तक डिमेंशिया का खतरा पाया गया।
इसको लेकर यह बताया जा रहा है कि लहाल डिमेंशिया से बचने के लिए जिन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, उसमें शराब का नाम नहीं है और उनकी रिसर्च के अनुसार शराब डिमेंशिया के लिए जिम्मेदार है।
सोचने की क्षमता पर असर पड़ने को डिमेंशिया कहते हैं। डिमेंशिया में व्यक्ति की यादाश्त तक चली जाती है। अल्जाइमर डिमेंशिया का सबसे आम प्रकार है। वस्कुलर डिमेंशिया, जो स्ट्रोक के बाद होता है, डिमेंशिया का दूसरा सबसे आम प्रकार है।
डिमेंशिया में व्यक्ति की यादाश्त कमजोर हो जाती है और उसके सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ता है, जिससे व्यक्ति रोजाना काी आम बातें भी याद नहीं रख पाता।