बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर कई प्रकार की खबरें मीडिया पर वायरल हो रही हैं। जिसको लेकर कई प्रकार की बातें भी सामने आ रही हैं।
लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी ओर से पर चुप्पी तोड़ते हुए यह कहा है कि उनको अपनी छवि की बिल्कुल भी चिंता नहीं है मैं सही हूं या गलत हूं, इसका फैसला बाकी के लोग करेंगे।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम जांच का मामला पहले ही सीबीआई को सौंप दिया गया है। वे सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट से मामले से जुड़े सभी दस्तावेज जुटा रहे हैं। पिछले महीने शेल्टर होम के 11 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था और 44 लड़कियों को बचाया गया था। यह शेल्टर होम ब्रजेश ठाकुर का है।
नीतीश कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम का मामला शर्मिंदा करने वाला है। इसने हर बिहारी की छवि मिट्टी में मिला दी। लेकिन एक बिहारी ने ही इस मामले के खिलाफ स्वतंत्र जांच का आदेश दिया है। मुझे मेरी छवि की चिंता नहीं है। मैं अपना काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। बाकी फैसला लोग करेंगे।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में नीतीश कुमार सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। लिहाजा सरकार ने सख्ती का रुख अपना लिया है। सोमवार को नीतीश कुमार ने सभी जिला मजिस्ट्रेट को यह निर्देश दिया है कि वह राज्य के सभी बाल एवं महिला आश्रम की जांच करे।
बिहार के सीएम ने आदेश दिया है कि शेल्टर की सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाएं ताकि उनमें रहने वालों के साथ कोई बदसलूकी ना हो।
बताया जा रहा है कि ठाकुर इस मामले के मुख्य आरोपी हैं और फिलहाल जेल में हैं। 1 अगस्त को बिहार पुलिस ने ठाकुर के मधुबनी के शेल्टर होम पर भी छापा मारा था।
मधुबनी शेल्टर होम से 11 लड़कियां लापता थीं जिसके बाद ठाकुर पर एक और केस दायर किया गया। एक तीन सदस्यीय मेडिकल टीम शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल पहुंचेगी। यह टीम ब्रजेश ठाकुर का मेडिकल जांच करेगी।