जेटली ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और उनके सहायकों की लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग थी। जिसको लेकर अरुण जेटली ने हाल ही में एक कहा है कि आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय लगभग 50 प्रतिशत बढ़ाने के सरकार के फैसले से 25 लाख कार्यकर्ताओं की शिकायत दूर होगी। सरकार ने बजट की चिंता किए बगैर इन कार्यकर्ताओं के मानदेय में इजाफा किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में यह बात कही। जेटली ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और उनके सहायकों की लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग थी।
पिछली सरकारें राजस्व की कमी का हवाला देकर इन कार्यकर्ताओं को लाभ देने से परहेज करती रही हैं। सरकार ने इन कार्यकर्ताओं के मानदेय में लगभग 50 प्रतिशत वृद्धि की है। इससे इन कार्यकर्ताओं की शिकायत को दूर करने का बड़ा काम हुआ है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं मानदेय में अक्टूबर से वृद्धि की घोषणा की है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 3000 रुपये से बढ़ाकर 4500 रुपये प्रति माह तथा मिनी आंगनवाड़ी वर्कर का मानदेय 2250 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये करने का निर्णय किया गया है।
इसी तरह आंगनबाड़ी सहायक का मानदेय भी 1500 रुपये से बढ़ाकर 2250 रुपये करने का निर्णय किया गया है।
जेटली ने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर राष्ट्रीय पोषण मिशन के अहम अंग हैं। देश में 12.9 लाख आंगनबाड़ी वर्कर तथा 11.6 लाख आंगनबाड़ी सहायक हैं।
इस तरह ये फायदे लगभग 25 लाख कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को उपलब्ध होंगे। जेटली ने सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को भी सफल बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 2014 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्वच्छ भारत अभियान की घोषणा की थी, उस समय ग्रामीण स्वच्छता कवरेज 39 प्रतिशत था।
आज यह आंकड़ा 92 प्रतिशत हो गया है। यह लक्ष्य आसान नहीं था। इसके साथ ही लोगों के व्यवहार में भी बदलाव लाया गया है।
जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जब यह घोषणा की थी कि 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक देश को खुले में शौच से मुक्त करा दिया जाएगा।
तब कुछ लोगों को यह महज फोटो खिंचाने का आयोजन भर लगता था लेकिन आज यह जन आन्दोलन में तब्दील हो गया है।