आदमी पार्टी ने केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) में शीर्ष स्तर पर जारी घमासान का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर देश की अग्रणी जाँच एजेन्सी को पूरी तरह से तबाह करने का आरोप लगाया है।
आप के प्रवक्ता राघव चड्ढा ने बुधवार को सीबीआई में अंतरिम निदेशक की तैनाती और निवर्तमान निदेशक आलोक वर्मा द्वारा इस फ़ैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने से उपजे विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। चड्ढा ने ट्वीट कर कहा “मोदी-शाह राज में सीबीआई से ज़्यादा तबाही किसी अन्य संस्था की नहीं हुई।”
उन्होंने सीबीआई को जाँच करने वाली संस्था के बजाय धमकाने वाली संस्था में तब्दील करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जाँच एजेन्सी आज पूरी तरह से ठप्प हो गई और इस स्थिति से इसे उबरने में अब लंबा रास्ता तय करना पड़ेगा।
आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने सीबीआई के ताज़ा घटनाक्रम को राफ़ेल मामले से जोड़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने क़रीबी अधिकारी राकेश अस्थाना को बचाने के लिये नियम-क़ानून को ताख पर रखकर सीबीआई प्रमुख को हटा दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा “मोदी जी, राफ़ेल मामले में एफआईआर दर्ज होने का ख़तरा तो नहीं था?”
Sanjay Singh AAP
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@SanjayAzadSln
CVC की चिट्ठी, राफ़ेल मामले में मेरी शिकायत को स्वीकार करते हुए मामला रक्षा सचिव के पास भेजा है, CBI के पास भी राफ़ेल भ्रष्टाचार की शिकायत थी जाँच के डर से मोदी ने CBI प्रमुख को हटाया @ArvindKejriwal @bainjal
उल्लेखनीय है कि राफ़ेल मामले में भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर सिंह के ख़िलाफ़ मानहानि का मामला अदालत में विचाराधीन है। सिंह ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय से उन्हें मिले एक जवाबी पत्र को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए ट्वीट किया “सीवीसी की चिट्ठी, राफ़ेल मामले में मेरी शिकायत को स्वीकार करते हुए मामला रक्षा सचिव के पास भेजा है, सीबीआई के पास भी राफ़ेल भ्रष्टाचार की शिकायत थी। जाँच के डर से मोदी ने सीबीआई प्रमुख को हटाया।”