इस खास प्राणायाम से तनाव होगा दूर और बीमारियां भी नहीं फटकेंगी पास
शरीर को स्वस्थ रखना है तो प्राणायाम और योगासन अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आप तनाव जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो ये खास प्राणायाम जरूर करें। कपालभाति प्राणायाम करने से मन प्रसन्न होता है और मानसिक विकार भी दूर होते हैं। तो चलिए जानें कैसे करें कपालभाति प्राणायाम और क्या हैं इस प्राणायाम के फायदे।
- इसे करने के लिए पहले पद्मासन या वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- इसमें सामान्य गति से शरीर के अंदर की ओर सांस लेनी होती है और तेज गति से बाहर छोड़नी होती है।
- प्रत्येक सेकंड में एक बार पूरी सांस को तेजी के साथ नाक से बाहर छोड़ें, इससे पेट अन्दर चला जाएगा।
- सांस छोड़ने के बाद, सांस को बाहर न रोककर बिना प्रयास किये सामान्य रूप से सांस को अन्दर आने दें।
- इस तरह एक मिनट में 60 बार और कुल पांच मिनट में 300 बार आप सांस बाहर छोड़ें।
- यह हानिकारक टॉक्सिन्स को शरीर से निकालकर उसे सकारात्मक बनाता है।
- वैसे तो कोई भी कपालभाति कर सकता है, लेकिन जिन लोगों को सांस संबंधी कोई बीमारी है, उन्हें डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए।
कपालभाति करने के ये हैं फायदे
- नियमित रूप से यह करने से लीवर और किडनी को बेहतर तरीके से काम करते हैं।
- इसे करने से शरीर को एनर्जी मिलती है और आपको थकान महसूस नहीं होती।
- यदिआंखों के नीचे डार्क सर्कल करी समस्या है तो रेग्युलर यह करने से डार्क सर्कल खत्म हो जाते हैं।
- कपालभाति करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है और शरीर का मेटाबॉलिज्म भी अच्छा होता है।
कपालभाति करने के ये हैं फायदे
- जब ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है, तो आपका दिमाग अच्छी तरह से काम करेगा।
- सांस छोड़ने की प्रक्रिया से फेफड़े अच्छी तरह काम करते हैं।
- नियमित रूप से कपालभाति करने से याद्दाश्त बढ़ती है और दिमाग भी तेज होता है।
- इससे दांतों और बालों से जुड़ी कई बीमारियां ठीक होती है।
- पेट की चर्बी कम करने में भी यह प्राणायाम बहुत फायदेमंद है। इसे नियमित रूप से करने से वज़न कम होता है।
- कपालभातिकब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी पेट से संबंधित समस्याओं को भी दूर करने में मददगार है।,
- थायराइड,त्वचा संबंधी बीमारी, आंखों की समस्या, दांतों की समस्या, महिलाओं की समस्या, डायबिटीज, कैंसर, हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य करने जैसे सभी काम सिर्फ एक कपालभाति कर सकता है।