उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर किसी दलित ने एससी-एसटी एक्ट के जरिए पिछड़े वर्ग (ओबीसी) के लोगों को परेशान किया तो वो भी बचेगा नहीं।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि एससी-एसटी अधिनियम के विरोध में किए गए भारत बंद के पीछे शुद्ध रूप से राजनीतिक साजिश है, राजनीतिक फायदे के लिए लोग इस तरह के आंदोलन में शामिल हो रहे हैं।
केशव बीते गुरुवार को बीजेपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में आयोजित भुर्जी-भुजवाल समाज प्रतिनिधि बैठक में पत्रकार वार्ता के दौरान उक्त बातें कही थीं।
उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग समाज का बीजेपी के प्रति समर्पण और उत्साह का ही परिणाम है जो आज पीएम मोदी देश का नेतृत्व कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में किसी तरह का कोई विरोध नहीं है। सामान्य वर्ग हो, पिछड़ा वर्ग हो, दलित वर्ग हो किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
हांलाकि मौर्य और अठावले के बयानों से सवर्ण समाज की नारजगी कितनी दूर हो पाएगी यह कह पाना अभी मुश्किल लग रहा है।
इस एक्ट का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा। अगर कोई ये समझता है तो वो गलत है क्योंकि भाजपा सरकार में कानून काम करता है और भाजपा सरकार में ये भी सम्भव नहीं है कि कोई दलित और आदिवासी को पीड़ित करे, ये कोई विरोध का विषय नहीं है।
इसको सर्वसम्मति से लोक सभा और राज्य सभा में सभी दलों ने मिलकर पारित कराया है। 2019 में मोदी को रोकने के लिए इस प्रकार की साजिश हो रही है और ऐसी साजिश पहले भी होती आई हैं।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सरकार किसी दबाव में एससी-एसटी एक्ट में बदलाव नहीं करेगी, लेकिन हम यह वादा करते हैं कि इसका कोई बेजा इस्तेमाल नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि इस एक्ट में बदलाव की मांग करने की बजाय सवर्णों को खुद को बदलना चाहिए और उनसे अच्छे से पेश आना चाहिए। अठावले ने कहा कि दलितों को और सवर्णों को मिलकर रहना होगा।
अठावले ने कहा कि यह कानून दलितों पर होने वाले हमलों को रोकने के लिए है। अगर दलितों पर हमले होंगे तो उससे बचाव के लिए कोई कानून होना ही चाहिए।
ऐसे लोग जो इस कानून का विरोध कर रहे हैं, हम उनके साथ बैठकर बातचीत करना चाहते हैं। हम समझाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग के मामले अभी तक बहुत ही कम सामने आए हैं।
एससी-एसटी संशोधन अधिनियम के खिलाफ सवर्ण समुदाय मोदी सरकार से नाराज माना जा रहा है। देश भर में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
जिससे बीजेपी बेचैन हो गई है। ऐसे में केशव मौर्य और रामदास अठावले का बयान सवर्णों और ओबीसी की नारजगी को दूर करने वाला माना जा रहा है।
बता दें कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित कुछ अन्य राज्यों में एससी-एसटी (अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति) अधिनियम के खिलाफ बीते गुरुवार को सवर्ण समाज ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान कई जगह आगजनी, ट्रेनों को रोका गया और सड़क जाम की गई।
मुस्लिमों को जोड़ने के सवाल पर केशव ने कहा कि हम मुस्लिमों, यदुवंशियों और सभी समाज के लोगों को भी जोड़ेंगे। सबका साथ, सबका विकास जो हमारा लक्ष्य है उसी के अनुरूप काम कर रहे हैं।