एक बार फिर भीमा कोरेगांव केस में एक नया मोड़ सामने देखने को मिला है। जिसके तहत यह खबर प्राप्त हो रही है कि सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वर्नान गोनसालविस गिरफ्तार किया गया है। साथ ही इस मामले पर बचाव पक्ष ने पुणे सेशन कोर्ट के सामने फरेरा और गोनसालविस की आज खत्म हो रही हाऊस अरेस्ट की अवधि को सात दिन के लिए बढ़ाने की गुजारिश की थी।
28 अगस्त से हाऊस अरेस्ट में रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अरुण फरेरा और वर्नान गोनसालविस को भीम कोरेगांव मामले में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुणे सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को तीन कार्यकर्ताओं- अरुण फरेरा , सुधा भारद्वाज और वर्नान गोनसालविस की जमानत याचिका खारिज कर दी।
इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने अरुण और वेर्नान के हाऊस अरेस्ट की अवधि को भी बढ़ाने से इनकार कर दिया। इसके बाद वेर्नान को मुंबई से और अरुण को महाराष्ट्र के ठाणे से गिरफ्तार कर लिया गया।
इतना ही नहीं हाऊस अरेस्ट की मियाद बढ़ाने की मांग को भी खारिज कर दिया गया है। जिसके तहत यह बात सामने आ रही है कि बचाव पक्ष ने पुणे सेशन कोर्ट के सामने फरेरा और गोनसालविस की आज खत्म हो रही हाऊस अरेस्ट की अवधि को सात दिन के लिए बढ़ाने की गुजारिश की थी।
गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम कोर्ट के स्पेशल जज केडी वढाने ने विश्रामबाग पुलिस स्टेशन द्वारा दायर मामले में सुधा भारद्वाज, वेर्नान गोनसालविस और अरुण टी फरेरा के जमानत के आवेदन को एक आम आदेश जरिए खारिज कर दिया।
इसके साथ ही बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को भीमा कोरेगांव मामले में एफआईआर को अस्वीकार करने की गौतम नवलखा और आनंद तेलतुंबडे की याचिका को भी 1 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया था।
गौतम नवलखा को 1 नवंबर तक अंतरिम संरक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे पहले गुरुवार को हैदराबाद हाईकोर्ट ने वरवरा राव के हाऊस अरेस्ट की अवधि को तीन सप्ताह तक के लिए बढ़ा दिया है।