कांग्रेस ने किन्नरों के लिए खेला अपना नया राजनीतिक दांव।

कांग्रेस ने किन्नरों के लिए खेला अपना नया राजनीतिक दांव।

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्रांसजेंडर अप्सरा रेड्डी को अपनी पार्टी की महिला विंग का महासचिव नियुक्त किया है।

कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पार्टी का मंच ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए खोल दिया है। तमिलनाडु की चर्चित ट्रांसजेंडर महिला अप्सरा रेड्डी को महिला कांग्रेस का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी की सियासत में इसकी शुरूआत कर दी।

महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव के रुप में नई सियासी पारी का आगाज करने वाली अप्सरा तमिलनाडु में पूर्व सीएम जयललिता के कार्यकाल के दौरान अन्नाद्रमुक की राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुकी हैं।

जयललिता के निधन के बाद अन्नाद्रमुक छोड़कर अप्सरा ने कुछ समय पूर्व अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का दामन थामा मगर एक महीने के भीतर ही उन्होंने भाजपा छोड़ दिया। अप्सरा के अनुसार भाजपा संर्कीण विचारों का प्रतिनिधित्व करती है जहां खुले विचारों वाले व्यक्तियों के लिए कोई जगह नहीं है।

जबकि वह ऐसे पृष्ठभूमि से आती हैं जहां तमाम तरह के पूर्वाग्रह और अन्याय उम्र के शुरुआती दिनों में ही अनुभव होने लगते हैं। महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुस्मिता देव के साथ अप्सरा रेड्डी ने राहुल गांधी से मुलाकात कर अपने नये राजनीतिक सफर की शुरुआत की।

इस मुलाकात के बाद रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस ही देश में ऐसी एकमात्र पार्टी है जिसकी नीतियां सबको साथ लेकर चलने की है। उनके अनुसार महिलाओं और दूसरे अन्य ऐसे समुदाय जो मुख्यधारा में हाशिए पर रहे हैं उसको लेकर कांग्रेस की अच्छी व संवेदनशील नीतियों ने उनका वाजिब स्थान दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। अप्सरा ने राहुल गांधी की राजनीति और संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह महिलाओं को उनका उचित प्रतिनिधित्व दिलाने को लेकर गंभीर हैं। साथ ही चुनाव घोषणा पत्रों में महिलाओं की जिंदगी बेहतर करने के लक्ष्यों को वरीयता देने में भी कांग्रेस अध्यक्ष बेहद संजीदा हैं। राजनीति में आने से पहले अप्सरा तमिलनाडु में एक जुझारू ट्रांसजेंडर पत्रकार भी रह चुकी हैं।