कांग्रेस ने कहा- काम करने से पहले फिटनेस सर्टिफिकेट दें पर्रिकर
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सेहत पर कांग्रेस ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने मांग की है कि पर्रिकर पहले अपनी हेल्थ रिपोर्ट दें, उसके बाद काम करें।
गोवा में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सेहत पर कांग्रेस ने एक बार फिर से सवाल उठाते हुए कहा है कि सीएम पहले अपना फिटनेस सर्टिफिकेट दें, उसके बाद काम करें।
मुख्यमंत्री के अक्सर अनुपस्थित रहने तथा उनकी कैबिनेट के दो सहकर्मियों के अस्पताल में भर्ती होने के की बात कहते हुए कांग्रेस नेताओं ने शुक्रवार को गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा से हस्तक्षेप की मांग की।
मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि पर्रिकर को काम पर लौटने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र देना चाहिए। पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री को किस तरह की बीमारी है, उस बारे में पता नहीं चल पाया है।
वहीं, दो अन्य मंत्री गंभीर बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। पर्रिकर गुरुवार को ही अमेरिका से घर लौटे हैं। वह अगस्त के आखिरी हफ्ते में वहां इलाज कराने गए थे।
पर्रिकर (62) इससे पहले भी इलाज के लिए अमेरिका में करीब तीन महीने रहे थे। उन्हें किस तरह की बीमारी है, उस बारे में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, यह बताया गया कि उनके अग्नाशय की बीमारी का इलाज चल रहा है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी सचिव ए चेल्लाकुमार, गोवा प्रदेश कांग्रेस प्रमुख गिरिश चोडणकर, कांग्रेस विधायक दल प्रमुख चंद्रकांत कावेलकर तथा पार्टी के अन्य नेताओं ने यहां दोपहर में राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। मुलाकात के बाद चेल्लाकुमार ने कहा कि राज्य में सरकार पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है जहां भाजपा नीत गठबंधन सत्ता में है।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में राज्यपाल से हस्तक्षेप करने और राज्य प्रशासन के कामकाज को सामान्य बनाने की उम्मीद है। चेल्लाकुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री इलाज के लिए अक्सर ही अमेरिका जा रहे हैं।
लेकिन उन्हें किस तरह की बीमारी है, उसका राज्य सरकार ने लोगों के बीच खुलासा नहीं किया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि दो अन्य मंत्री, पांडुरंग मडकैकर और फ्रांसिस डिसूजा गंभीर बीमारियों के चलते अस्पताल में भर्ती हैं।
चोडणकर ने बताया कि कांग्रेस ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग करते हुए अप्रैल और मई में उन्हें दो ज्ञापन सौंपे थे, लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने यह मांग की कि पर्रिकर काम पर लौटने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र मुहैया कराएं।
उन्होंने दावा किया कि जब पर्रिकर न्यूयार्क में इलाज करा रहे थे, तब उनके हस्ताक्षर लेने के लिए वहां फाइलें ले जाने के वास्ते अधिकारियों को तैनात किया गया था।