राहुल ने प्रधानमंत्री को पहली बार भ्रष्ट कहते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने अनिल अंबानी को इस डील में फायदा पहुंचाया।
राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए राफेल सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग की।
कांग्रेस हेडक्वॉटर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने कहा, मैं देश के युवाओं को बताना चाहता हूं कि पीएम नरेंद्र मोदी भ्रष्ट हैं और फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा था कि भारत सरकार के कहने पर अनिल अंबानी को राफेल का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया।
अब दसॉल्ट के डिप्टी सीईओ ने साफ-साफ कहा कि राफेल सौदा पाने के लिए अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को अॉफसेट पार्टनर बनाना अनिवार्य शर्त थी।
राहुल ने आरोप लगाए हुए कहा, अनिल अंबानी पर 45 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। उन्होंने 10 दिन पहले कंपनी (रिलायंस डिफेंस) खोली और प्रधानमंत्री ने 30,000 करोड़ रुपये उन्हें दे दिए।
राहुल ने कहा, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण फ्रांस के राफेल प्लांट में गईं, एेसी क्या इमरजेंसी थी। पीएम नरेंद्र मोदी अगर जवाब नहीं दे सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
राहुल ने कहा कि दसॉल्ट को बड़ा कॉन्ट्रैक्ट मिला हुआ है। कंपनी वही कहेगी जो भारत सरकार उसे कहने को कहेगी। उनके दस्तावेज दिखाते हैं कि पीएम ने कहा था कि इस मुआवजे के बिना डील नहीं होगी।
गौरतलब है कि फ्रांस के न्यूज पोर्टल मीडियापार्ट ने दसॉल्ट एविएशन के डिप्टी सीईओ लोइक सेगालेन के हवाले से बताया कि भारत से राफेल सौदा हासिल करने के लिए अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को अॉफसेट पार्टनर बनाना अनिवार्य था।
नागपुर में मई 2017 को दसॉल्ट रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम में एक प्रेजेंटेशन के दौरान सेगालेन ने यह बात कही।
हालांकि दसॉल्ट एविएशन ने बयान जारी कर इसका खंडन किया और कहा कि रिलायंस को बतौर पार्टनर दसॉल्ट एविएशन ने ही चुना था।