अपने द्वारा जारी किए गए बयान में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल जरूरी हो गया है। केंद्र सरकार ड्रोन के इस्तेमाल के लिए जल्द ही नीति का मसौदा सार्वजनिक करेगी।
देश की सुरक्षा एजेंसियां सोशल मीडिया में आने वाली फोटो से व्यक्ति की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर पर गंभीरता से काम कर रही हैं।
इसके तैयार होने पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में एजेंसियों को आसानी हो जाएगी। इनमें ज्यादातर ऐसे अपराधी होते हैं जिनका रिकॉर्ड पुलिस के पास नहीं होता है।
यह जानकारी गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दी है। उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम सुरक्षा में लगी एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। इनसे मुकाबले के लिए तेजी से तंत्र का विकास किया जा रहा है।
गृह मंत्री ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि आतंकी ‘डार्क इंटरनेट’ का इस्तेमाल करके युवाओं को बरगलाते हैं और उनकी भर्ती करते हैं।
इसी तरीके से बड़े अपराधी सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय में अलग से साइबर सिक्योरिटी डिवीजन बनाया गया है।
बाह्य और आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल जरूरी हो गया है।
केंद्र सरकार ड्रोन के इस्तेमाल के लिए जल्द ही नीति का मसौदा सार्वजनिक करेगी, लोगों से विचार-विमर्श करके उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
राजनाथ ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि ड्रोन के इस्तेमाल से सुरक्षा बलों को अपने काम में काफी सुविधा मिलेगी। नक्सल विरोधी अभियान में इससे होने वाला फायदा देखा जा चुका है।
गृह मंत्री ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से अपराधियों की पहचान वाली नई तकनीक की उपलब्धता के प्रयासों की भी जानकारी दी।
आंतरिक सुरक्षा के हालात पर संतोष व्यक्त करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले चार साल में देश के भीतर एक भी बड़ी आतंकी वारदात न होना इस बात का सबूत है कि राजग सरकार में एजेंसियां पूरे तालमेल के साथ बेहतर कार्य कर रही हैं।