दिल्ली सरकार ने एक बार फिर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। जिसके तहत दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने कहा हैं कि, मोदी सरकार बदला लेने के लिए साजिश रच रही है।
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से सीएम आवास पर मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है।
इसके विरोध में दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, राजेंद्र पाल गौतम और इमरान हुसैन की तरफ से एक संयुक्त बयान जारी किया गया है।
यह भारतीय इतिहास में सबसे बड़े जनादेश के साथ चुनकर आई दिल्ली सरकार को लगातार परेशान किए जाने और उसके खिलाफ की जाने वाली साजिशों का सबसे ताजा उदाहरण है।
दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने बयान में कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और विधायकों के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर दिल्ली पुलिस की तरफ से काल्पनिक और निराधार आरोपों पर आधारित बोगस चार्जशीट फाइल की गई है।
दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में सीएम और डिप्टी सीएम के अलावा 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया है। इस माममें में दिल्ली पुलिस ने कुल 13 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है।
मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से सीएम आवास पर मारपीट के मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल।
बयान में कहा गया है कि फरवरी 2015 में अपने राजनीतिक जीवन में मिली सबसे करारी हार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली सरकार को माफ नहीं किया है और बदला लेने के लिए उन्होंने सारी एजेंसियों को दिल्ली सरकार को तबाह करने के लिए छोड़ दिया है।
इससे ये भी प्रतीत होता है कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल के दौरान फर्जी मामलों में आम आदमी पार्टी के विधायकों को फंसाने की कोशिशों के हश्र से सबक नहीं लिया है।
अब ये बात दस्तावेजों में है कि दिल्ली की विभिन्न फास्ट ट्रैक अदालतों ने पिछले पांच महीनों के दौरान 22 में से 19 मामलों में चुने हुए विधायकों को बरी/दोषमुक्त कर दिया है। ये मुकदमे विधायकों पर फरवरी 2015 के बाद से लगाए गए थे।