दक्षिण भारत के केरल में आई विकराल बाढ़ के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है। इस पर अपनी ओर से बयान जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार को इस भीषण प्राकृतिक आपदा से मुकाबला करने के लिए केंद्रीय सहायता देने का आश्वासन दिया।
गृह मंत्री राजनाथ ने वहां की भीषण स्थिति को देखकर तत्काल प्रभाव से 100 करोड़ की अतिरिक्त मदद का एलान किया। बाढ़ पीड़ितों के लिए जारी है राहत और बचाव अभियान।
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 24 घंटे राहत-बचाव कार्य चलाया जा रहा है। भारतीय सेना ने बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित कन्नूर, वायनाड, कोझिकोड, इडुक्की और मल्लपुरम के क्षेत्र हैं। 40 से अधिक राहतकर्मियों की 10 टीमें 24 घंटे राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं।
ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दूर-दराज के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे अंतिम व्यक्ति को भी बचाया जा सके। गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर बताया मौजूदा हालात से निपटने के लिए एनडीआरएफ 14 टीमें लगी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बाढ़ग्रस्त केरल के दो जिलों इड्डुकी और एर्नाकुलम का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने कहा कि राज्य के हालात बहुत गंभीर हैं। इसके साथ-साथ केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार को इस भीषण प्राकृतिक आपदा से मुकाबला करने के लिए केंद्रीय सहायता देने का आश्वासन दिया।
एनडीआरएफ के एक जवान कन्हैया कुमार ने रविवार को अपनी जान जोखिम में डालकर एक बच्चे को बचाया। इड्डुकी बांध के पास चेरुथोनी ब्रिज में अचानक जल सैलाब आने पर एक पिता-पुत्र उसमें फंस गए। इस पुल को 26 सालों के बाद पिछले ही हफ्ते खोला गया था।
इस बीच, इड्डुकी बांध में रविवार को जलस्तर और कम हो गया। हालांकि वहां पानी अभी भी 2,399.28 फीट है। शनिवार की सुबह से रविवार की सुबह तक इड्डुकी में 40 मिमी बारिश हुई है।
हालांकि एर्नाकुलम और थ्रिसूर जैसे जिले अभी भी बाढ़ में डूबे हुए हैं। चूंकि यहां बांध के पांचों दरवाजे खोलकर करीब 7.50 लाख लीटर पानी पेरियार नदी में छोड़ दिया है। लिहाजा, थ्रिसूर और एर्नाकुलम जिले बाढ़ में डूब गए।
विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए ट्वीट करते हुए कहा है कि, केरल बाढ़ पीड़ितों को उनके डैमेज पासपोर्ट बिना किसी फीस के बदले जाएंगे। केरल में आई इस भीषण बाढ़ में अब तक 33 लोग अपनी जान गवां चुके हैं जबकि 6 लोग लापता हैं।
लेकिन यह नदी में अचानक आए पानी के सैलाब में यह पुल भी बह गया। लेकिन बच्चे की जान बचाने का एनडीआरएफ के जवान कुछ ही सेकेंड में भाग कर बच्चे को पुल से उठाया और भागते हुए उसे सुरक्षित स्थान पर ले गया। इस घटना का वीडियो वायरल हो चुका है और लोग एनडीआरएफ के जवान की खासी तारीफ कर रहे हैं।