कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से झटका।

कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से झटका।

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सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी से छूट की मांग को खारिज कर दिया है। कुमार ने शारदा चिट फंड घोटाले में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दाखिल की थी। इससे पहले कोर्ट ने कुमार को सात दिनों तक गिरफ्तारी से राहत दी थी, जो आज समाप्त हो रही है।

जस्टिस अरुण मिश्रा के नेतृत्व में अवकाशकालीन बेंच ने शुक्रवार को कहा कि राजीव कुमार राहत के लिए कोलकाता हाईकोर्ट या ट्रायल कोर्ट में जा सकते हैं। बेंच ने कुमार के वकील से कहा कि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच पहले ही इस मामले में एक आदेश पारित कर चुकी है। सीजेआई ने कुमार की गिरफ्तारी से बचने के लिए दायर की गई याचिका पर तत्काल सुनवाई से भी इनकार किया था।

बेंच ने कहा- कोलकाता में भी मामले की सुनवाई हो रही

कुमार के वकील सुनील फर्नांडिस ने कहा कि कोलकाता में वकीलों की हड़ताल के कारण कोर्ट में काम-काज बंद है तो बेंच ने कहा कि आप गलत हैं। अदालतें वहां भी चल रही हैं। सभी न्यायाधीश वहां काम कर रहे हैं। मामलों की सुनवाई हो रही है। राजीव कुमार पूर्व कमिश्नर हैं। कानून के बारे में उन्हें युवा वकीलों से ज्यादा समझ है। वह खुद भी कोर्ट जा सकते हैं।

कुमार की गिरफ्तारी से छूट का समय समाप्त

बेंच ने कहा कि कुमार की दायर की गई याचिका गलत तरीके से सूचीबद्ध की गई है। फर्नांडीस ने बेंच को बताया कि वे सीजेआई से संपर्क करेंगे। लेकिन, समस्या यह है कि कुमार की गिरफ्तारी से छूट का समय आज समाप्त हो रहा है। बेंच ने कहा कि आपकी समस्या जो भी हो, लेकिन आर्टिकल 32 के तहत हम इस पर सुनवाई नहीं कर सकते। सीजेआई ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई की है। हम इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।

सीबीआई मांग चुकी है गिरफ्तारी की इजाजत

पहले सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि राजीव कुमार शारदा मामले से जुड़े सबूतों को नष्ट करने की कोशिश में थे। इस विवाद को सुलझाने और शारदा ग्रुप के निदेशकों और नेताओं के संबंधों का पता लगाने के लिए कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। जबकि राजीव की दलील है कि घोटाले से जुड़ा कोई भी साक्ष्य सीधे उनकी निगरानी में नहीं था। सुप्रीम कोर्ट की अनुमति लेकर सीबीआई ने राजीव कुमार से शिलांग में पूछताछ की थी।

2460 करोड़ रुपए का शारदा चिटफंड घोटाला

शारदा ग्रुप से जुड़े पश्चिम बंगाल के कथित चिटफंड घोटाले के 2,460 करोड़ रुपए तक का होने का अनुमान है। पश्चिम बंगाल पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 80 फीसदी जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, शारदा ग्रुप की चार कंपनियों का इस्तेमाल तीन स्कीमों के जरिए पैसा इधर-उधर करने में किया गया। ये तीन स्कीम थीं- फिक्स्ड डिपॉजिट, रिकरिंग डिपॉजिट और मंथली इनकम डिपॉजिट।