प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के दूसरे चरण में 50 हजार किमी लंबाई की सड़कों का उच्चीकरण किया जाएगा। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत देश के सभी छोटे बड़े गांवों को 2020 तक पक्की सड़कों से जोड़ देने का लक्ष्य है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इसके लिए धन आवंटन को मंजूरी भी दे दी है। सड़कों का उच्चीकरण मार्च 2019 तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना के दूसरे चरण में बनने वाली ग्रामीण सड़कों के साथ पुरानी सड़कों का उच्चीकरण किया जाएगा।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक देश के 13 राज्यों में कुल 32,100 किमी लंबाई की सड़कों के उच्चीकरण की मंजूरी मिल चुकी है। इन राज्यों की ओर से परियोजना का मसौदा दे दिया गया है। इनमें से 12 हजार किमी लंबाई की सड़कों का उच्चीकरण कर भी दिया गया है।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पक्की सड़कों से जुड़ने से बाकी रह गये 38 हजार से अधिक गांवों को जोड़ने के मसौदे को मंजूरी मिल गई है। इसके लिए कुल 85 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी, जिसमें केंद्रीय वित्तीय मदद 55 हजार करोड़ रुपये होगी। जबकि राज्यों की हिस्सेदारी 30 हजार करोड़ होगी।
पीएमजीएसवाई के दूसरे चरण में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मात्र एक सौ की आबादी वाले गांवों को भी जोड़ने का फैसला किया गया है। सरकार ने पीएमजीएसवाई की सड़कों के लिए केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी के अनुपात में संशोधन किया गया है। पूर्वोत्तर के राज्य, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए हिस्सेदारी का अनुपात पहले की तरह ही 90 फीसद और 10 फीसद ही रहेगा।