जानकारी काम की (Part – 13) : अब घरेलू सिलेंडर की तरह ही आपके खाते में बिजली बिल की सब्सिडी आएगी
भोपाल. घरेलू गैस सिलेंडर की तरह अब मध्य प्रदेश में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम से बिजली बिल में मिलने वाली सब्सिडी भी उपभोक्ताओं के सीधे खाते में भेजी जाएगी। इसकी वजह से बिजली उपभोक्ता को अब पूरे बिल का पैसा जमा करना पड़ेगा। प्रदेश सरकार ऊर्जा विभाग ने इस योजना को अमली जामा पहनाना शुरु कर दिया है। इस योजना की शुरुआत पाइलेट प्रजोक्ट के रूप में प्रदेश के तीन जिलों से की जाएगी। जिनमें मुख्यमंत्री का गृह जिला विदिशा, झाबुआ और सिवनी शामिल हैं। पाइलेट प्रजेक्ट द्वारा इस योजना में आने वाली समस्या का आंकलन करने के बाद इस योजना को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
आधार, बैंक खाता और मोबाइल से लिंक की तैयारी
मध्य प्रदेश बिजली कंपनी अब प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ता के आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और लैंड रिकॉर्ड आदि की जानकारी इकठ्ठी कर रही है। जिससे योजना लागू होने के बाद उपभोक्ताओं की सब्सिडी उनके खाते में बिना किसी परेशानी के पहुंच जाए। हालांकि पूरे प्रदेश में इस योजना को लागू करने से पहले बिजली कम्पनियों पूरी तैयारी करनी होगी जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम
पूरे देश में रसोई गैस सिलेंडरों पर केंद्र सरकार ने सब्सिडी की राशि को सीधे उपभोक्ता के खाते में भेजने के लिये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम लागू की थी। इसी योजना की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार ने बिजली कनेक्शनों पर दी जाने वाली सब्सिडी को सीधे खाते में भेजने की योजना बनाई है। राज्य में किसानों को कृषि विद्युत कनेक्सन पर सबसे ज्यादा सब्सिडी दी जाती है। जिसमें सरकार किसानों के कुल बिल का 92 प्रतिशत बिल बिजली कंपनी को चुकाती है और यह पैसा सरकार बिजली कम्पनी के खाते में सीधे जमा करती है। अब अगर सरकार नई योजना लागू करती है तो प्रदेश के किसानों को पूरा बिजली बिल जमा करना पड़ेगा। हालांकि बाद में इस बिल राशि में से सब्सिडी के पैसे जो 92 प्रतिशत है वह किसानों के खाते में बापस भेज दिये जाएंगे।
सभी उपभोक्ता होंगे शामिल
मध्य प्रदेश में किसानों के साथ साथ सरकार कई योजनाओं में बिजली बिल पर सब्सिडी देती है। इन सभी योजनाओं जिनमें इंदिरा गृह ज्योति योजना और संबल योजना के हितग्राही भी शामिल है उनको भी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम में शामिल किया जाएगा। जिससे इन उपभोक्ताओं को भी अपने बिजली बिल को पूरा जमा करना पड़ेगा। अभी प्रदेश में 100 यूनिट तक की खपत वाले उपभोक्ताओं का बिल 634 रुपये होता है सब्सिडी के चलते उनको केवल 100 रुपये का बिल ही जमा करना पड़ता है।लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद उनको 100 यूनिट के लिये 634 रुपये का बिल जमा करना पड़ेगा और 534 रुपये उपभोक्ता के खाते में सब्सिडी के रुप में प्रदेश सरकार जमा कर देगी।
मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी प्रबंध संचालक, आकाश त्रिपाठी ने बताया कि घरेलू गैस की तरह ही मध्य प्रदेश में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना बिजली उपभोक्ताओं पर लागू करने की योजना है। अभी प्रदेश के तीन शहरों में पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ होगा। दो-तीन माह में इसे शुरू किया जा रहा है। इसके परिणाम के आधार पर अन्य जिलों में लागू किया जायेगा। योजना को लागू करने के लिये गाइडलाइन तैयार की जा रही है।