एक बार फिर भारत सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले से सभी लोगों के मन में हलचल बढ़ा कर रख दी है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि 17 सितंबर 2018 से लेकर 31 मार्च 2019 के बीच भारत से बाहर रुपए में जारी किए जाने वाले बांड पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होगा।
मोदी सरकार ने देश में डॉलर का प्रवाह बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने किसी कंपनी या ट्रस्ट की ओर से भारत से बाहर किसी नॉन रेजिडेंट या विदेशी कंपनियों को जारी किए जाने वाले रुपये बांड पर मिलने वाले ब्याज को आयकर से मुक्त करने की घोषणा की है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि 17 सितंबर 2018 से लेकर 31 मार्च 2019 के बीच भारत से बाहर रुपए में जारी किए जाने वाले बांड पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त होगा। सरकार के इस कदम का उद्देश्य देश के भीतर डॉलर के प्रवाह को बढ़ावा देना है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि यह ब्याज आय उन्हीं रुपये बांड पर ही छूट के दायरे में आएगी जिन्हें भारत के बाहर से सितंबर 2017, 2018 से 31 मार्च 2019 तक जारी किया जाएगा।
आई-टी कानून के मुताबिक, 1 जुलाई 2020 से पहले भारत के बाहर जारी रुपये बांड पर एक विदेशी कंपनी समेत किसी भारतीय कंपनी या एक गैर-निवासी को एक व्यापार ट्रस्ट की ओर से देय ब्याज, कर की 5 फीसद की रियायती दर के लिए पात्र है।
पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की थी और उसी के परिणामस्वरूप, सरकार ने चालू खाता घाटा (सीएडी) रखने और विदेशी मुद्रा प्रवाह में वृद्धि करने के लिए एक बहुपक्षीय रणनीति की घोषणा की थी।
मंत्रालय ने कहा कि इस पृष्ठभूमि में, विदेशी मुद्रा प्रवाह में वृद्धि के लिए विदेशी रुपी डॉमिनेटेड बॉण्ड को और प्रोत्साहित किया गया है ताकि विदेशी मुद्रा प्रवाह में इजाफा किया जा सके।