दिल का दौरा अर्थात हार्ट अटैक
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो पूरी दुनिया में हृदय रोग से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हम हार्ट अटैक से जुड़ी बातों के बारे में अक्सर पढ़ते व सुनते भी रहते हैं। लेकिन जब दिल का दौरा पड़ता है तो शरीर के अंदर अजीब प्रतिक्रियायें होती हैं। क्या आप जानते हैं वे किस तरह की प्रतिक्रिया होती है। यहां विस्तार से जानिये इन प्रतिक्रियाओं के बारे में।
रक्त वाहिकाओं में रुकावट
अधिकांशतः दिल के दौरा पड़ने की वजह रक्त वाहिकाओं में कोई रुकावट होती है। यह रुकावट प्लाक (कोलेस्ट्रॉल, सफेद रक्त कोशिकाओं और वसा से बना एक चिपचिपा पदार्थ) के दिल की धमनियों की दीवारों पर जमा हो जाने की वजह से होती है।
प्लॉक का टूटना
जब यह प्लाक छेड़ा जाता है तो यह यह कई छोटे टुकड़ों में टूट जाता है और फिर ये टूटे हुए कई सारे छोटे-छोटे प्लाक कई अलग-अलग जगहों पर जमा हो जाता है और रुकावट पैदा करता है।
रक्त वाहिकाओं का अवरुद्ध होना
आपकी रक्त वाहिनियों के लिए कोई खतरा है, ऐसा महसूस कर लाल रक्त और सफेद रक्त कोशिकाएं खुद को प्लाक के साथ जोड़ देती हैं। (ऐसा सिर्फ घाव के मामले में होता है)। जबकि यह एक मरम्मत की व्यवस्था है, कोशिकाएं रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर देती हैं।
दिल की तरफ रक्त संचार न होना
एक बार रक्त वाहिकाओं के अवरुद्ध हो जाने पर दिल की करफ रक्त जाना बंद हो जाता है और दिल बंद हो जाता है और हृदय की मांसपेशी के अन्य भागों तक नहीं पहुंच पाता है। क्योंकि ऐसे में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, हृदय की मांसपेशियों के ये भाग मरने शुरू हो जाते हैं।
शरीर में आभास होता है
ऐसे होने पर आपके शरीर को आभास होता है कि आपका दिल ठीक से काम नहीं कर पा रहा है, और वह एटेंशन मोड में आ जाता है और रीढ़ की हड्डी को संकेत भेजता है कि दिल परेशानी में है।
मस्तिष्क को संदेश
बदले में रीढ़ की हड्डी आपके मस्तिष्क के लिए एक संदेश भेजती है, जोकि दर्द के रूप में जबड़े, बाएं हाथ और छाती में होता है। इस दर्द को रेफ्रेड पैन के नाम से भी जाना जाता है।
शरीर से पानी बहना
और फिर जवाब में जीवित रहने के एक प्रयास के रूप में शरीर खूब सारा पसीना बहाना शुरू कर देता है। (यह वास्तव में एक बहुत ही उपयोगी तंत्र होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति ज्यादा बीमार लगता है और लोग उसे जल्दी अस्पताल ले जाते हैं।)
श्वांस अवरुद्ध होना
ऐसे में आपकी श्वास भी अस्वाभाविक हो जाती है, क्योंकि आपका दिल फेफड़ों को रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं कर पा रहा होता है। इसलिए यह भी ठीक से काम करना बंद कर देता है।
फेफड़ों के साथ दिमाग पर प्रभाव
फेफड़ों के अलावा मस्तिष्क भी प्रभावित हो जाता है और व्यक्ति को चक्कर आना शुरू हो जाता है। ये खतरा और गंभीर तब होता है जब आपके शरीर के आवश्यक अंगों को ऑक्सीजन मिलना पूरी तरह से बंद हो जाती है।
ऑक्सीजन की कमी
आपके दिल की मांसपेशियों, जोकि ऑक्सीजन से वंचित होती हैं, मर जाती हैं। बुरी बात तो ये हैं कि जब एक बार हृदय की मांसपेशी का एक भाग मर जाता है तो इसे कभी भी पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है।