जानिए बॉक्स ऑफिस पर विश्वरूप 2 ने दर्शकों के दिलों पर कितना...

जानिए बॉक्स ऑफिस पर विश्वरूप 2 ने दर्शकों के दिलों पर कितना किया राज़।

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बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे कि कमल हासन ने विश्वरूप की रिलीज के एक हफ्ते बाद ही विश्वरूप 2 बनाने की प्लानिंग शुरू कर दी थी। फिल्म के एडिटर महेश नायारण ने बताया कि ‘फिल्म की स्क्रिप्ट काफी लंबी थी।

हम नहीं चाहते थे कि इसका स्ट्रक्चर टूटे इसलिए इस फिल्म को दो भागों में रिलीज करने का डिसीजन लिया गया।’ स्पाई थ्रिलर की बात करें तो ऐसी फिल्में कौन पसंद नहीं करता? खासकर वो फिल्में जिसके ट्विस्ट और टर्न आपको स्क्रीन से चिपके रहने पर मजबूर कर दे। वहीं दुर्भाग्य से विश्वरूप 2 और कुछ नहीं बल्कि एक उलझी हुई फिल्म है। फिल्म का मूर्खता भरा प्लॉट आपको हास्यास्पद लगेगा।

विश्वरूप 2 की शुरूआत वहीं से होती है जहां 2013 में रिलीज हुई विश्वरूप का खत्म हुई थी। न्यूयॉर्क सिटी में खतरनाक अतंकवादी हमाले के मंसूबे नाकामयाब होने के बाद, ओमर कुरैशी (राहुल बोस) और सलीम (जयदीप एहलावत) एक और भयावह योजना बनाते हैं।

इसी बीच सैनिक से स्पाई बने मेजर वसीम अहमद कशमीरी (कमल हासन), उनकी परमाणु ऑन्कोलॉजिस्ट निरुपमा (पूजा कुमार), उनके पार्टनर आश्मित सुब्रमण्यम (एंड्रिया जेरेमिया) और कर्नल जगन्नाथ (शेखर कपूर) ओमर और सलीम के मंसूबे एक बार फिर नाकामयाब करने के लिए टीम बनाते हैं।

फिल्म का फर्स्ट हाफ वसीम और उसकी टीम द्वारा यूके में आतंकी हमले का पता लगाने में निकलता है। वहीं इंटरवल के बाद कमल हासन फिल्म में टिपिकल मासाले का ताम-झाम लेकर आते हैं। जिसमें बेकार का लव एंगल, बिना वजह मां सीन और एक बेवकूफाना क्लाइमैक्स।

विश्वरूप में कुछ इंगेजिंग सीन थे वहीं इसके सीक्वल का हाल इस मामले में काफी खराब रहा। फिल्म के कई सीन ऐसे हैं जो बेकार में ठूंसे गए लगते हैं। विश्वरूप 2 के प्रमोशन के दौरान कमल हासन का कहना था कि इसके सीक्वल का निर्माण सिर्फ फिल्म के प्रति पैशन के चलते किया गया है।

दुख की बात है कि वे खुद इस फिल्म में अपने टॉप फॉर्म में नजर नहीं आए। जिसकी वजह ज्यातर फिल्म का खराब स्क्रीनप्ले माना जा सकता है। हालांकि फिल्म के फ्लैशबैक सीन कुछ हद तक इंप्रेस कर पाते हैं।

विश्वरूप की बात करें तो अलकायदा जिहादी की जनाना टीचर से लेकर भारत के रॉ एजेंट तक, इस फिल्म में कमल हासन का हर शानदार अवतार बेहतरीन तरीके से दिखाया गया था। वहीं सीक्वल में उनके कैरेक्टर को उतना नहीं दिखाया जा सका। इस बार स्पाई-हीरो की परफॉर्मेंस लोग आसानी से भूल जाएंगे।

पूजा कुमार काफी अच्छी शुरूआत करती हैं लेकिन फिल्म के आखिर तक पहुंचते हुए मुसीबत में फंसी लड़की के तौर पर उनकी परफॉर्मेंस फीकी पड़ती जाती है। एंड्रिया ने अपना रोल ठीक-ठाक तरीके से निभाया है। इंटरवल से पहले तक शेखर कपूर के पास कुछ खास करने के लिए था ही नहीं।

एक आंख वाले आतंकवादी के किरदार में राहुल बोस महज एक हंसी के पात्र लगे हैं और उनकी खरखराहट भरी आवाज काफी खराब सुनाई दी है। विसम की एल्जाइमर पीड़ित मां के किरदार में वहीदा रहमान का रोल काफी खराब लिखा गया है। सलीम के किरदार में जयदीप एलावत ने कुछ हद तक अपना रोल संभाल लिया है।

विश्वरूप 2 की सबसे कमजोर कड़ी है इसका विजुवल इफेक्ट। हर जगह फिल्म में फूहड वीएफएक्स नजर आए हैं। फिल्म का विषम नैरेशन ऑडिएंस के एक सेक्शन को इंप्रेस करने में नाकामयाब रहा है। वहीं 3 घंटे लंबी विश्वरूप 2 के कुछ जबरदस्ती ठूंसे गए सीन एडिटिंग में निकाले जा सकते थे।

एक्शन से भरी विश्वरूप 2 में कहीं-कहीं एक्शन बिना लॉजिक के मालूम हो रहे थे। खासकर पानी के अंदर वाला एक्शन सीन वाकई दिखावटी लगता है। विश्वरूप 2 के हिंदी वर्जन में म्यूजिक भी कुछ खास नहीं है।

बेवकूफाना प्लॉट के साथ कमल हासन की विश्वरूप 2 ऑडिएंस के दिल जीतने के मिशन में बुरी तरह फेल हो गई है। फिल्म में काफी कुछ दिलचस्प हो सकता है लेकिन फिल्म काफी फीकी है। फिल्म में कमल हासन थ्रिल तो नहीं ला पाए बल्कि फिल्म को काफी बोरिंग बना गए। हमारी तरफ से इस फिल्म को मिलेंगे केवल 2 स्टार्स।