कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस के सारधा चिटफंड घोटाले पर सवाल उठाया। वामदल ने भी सुर में सुर मिलाया और कुछ देर के लिए विपक्ष के अंदर ही घमासान छिड़ा रहा।
महागठबंधन की आपसी खींचतान थामे नहीं थम रही है। बुधवार को फिर लोकसभा में खींचतान सामने आई।
कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने तृणमूल कांग्रेस के सारधा चिटफंड घोटाले पर सवाल उठाया। वामदल ने भी सुर में सुर मिलाया और कुछ देर के लिए विपक्ष के अंदर ही घमासान छिड़ा रहा।
वहीं संसद के सेंट्रल हाल में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को तृणमूल की नेता व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शिकायती लहजे में साफ कर दिया कि वह भूलेंगी नहीं।
हालांकि सोनिया की ओर से उन्हें समझाने की कोशिश हुई और कहा गया कि दोनों साथ-साथ चलेंगे। जवाब में ममता ने कहा, ‘मैं याद रखूंगी।’
कुछ ही दिन पहले चिटफंड के मामले में ही जब कोलकाता में ममता बनर्जी ने धरना दिया था तो कांग्रेस ने भी समर्थन जताया था। लेकिन पश्चिम बंगाल के कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस मामले पर चुप्पी कांग्रेस के लिए हितकर नहीं है।
बुधवार को 16वीं लोकसभा का आखिरी दिन था और ऐसे में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने तीखा हमला किया और तृणमूल सदस्यों की ओर इंगित करते हुए कहा कि इन सभी को जेल में होना चाहिए।
बताया जाता है कि संसद परिसर में ही मौजूद ममता तक यह जानकारी मिली तो वह आग बबूला हो गईं। अपने आसपास खड़े सदस्यों और पत्रकारों से उन्होंने चेतावनी के अंदाज में कहा, ‘चुनाव में मैं इन्हें देख लूंगी। मैं इनकी मदद करती हूं और ये मुझपर हमला करते हैं।’
सेंट्रल हाल में ही लगभग उसी वक्त सोनिया भी आईं तो ममता उनतक पहुंच गईं। सोनिया ने उन्हें समझाया कि कुछ मतभेद हैं लेकिन मिलकर हम उसे ठीक कर लेंगे।
सूत्रों के अनुसार ममता ने तेवर ठंढे नहीं पड़े। उन्होंने कहा, ‘मैं याद रखूंगी।’ ममता को जानने वाले समझते हैं कि याद रखने का अर्थ ममता के लिए क्या होता है।