जानिए रिया चक्रवर्ती का क्या है, आगरा कनेक्शन?
क्लास 5 वीं से 9 वीं तक रिया को पढ़ाने वाले स्कूल के टीचर्स में से एक ने दावा किया कि रिया पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। वो क्लास में बहुत एक्टिव थी। वो स्कूल में अपने टीचर्स और सीनियर्स की फेवरेट थी।
जब भी रिया चक्रवर्ती ने अपनी स्कूलिंग का जिक्र किया, उन्होंने आगरा में एक कैथोलिक कॉन्वेंट स्कूल में बिताए कुछ सालों का जिक्र नहीं किया। हालांकि, आगरा के रिया के स्कूलमेट्स उन्हें भूले नहीं हैं। इंडिया टुडे आगरा में रिया के बिताए चार साल की कहानी को सामने लाया है, जिसका शायद ही कभी उल्लेख किया गया हो।
रिया के पिता Army Medical Corps में थे। इसलिए रिया लगातार एक शहर से दूसरे शहर में शिफ्ट होती रहीं। 2002 – 2007 के बीच में रिया ने सेंट क्लेयर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की। ये आगरा का टॉप रेटेड स्कूल्स में से एक है। आगरा में रिया के स्कूलमेट में रिया को उस लड़की के रूप में याद किया जो खेल और अन्य स्कूल गतिविधियों में काफी एक्टिव थी। एक स्कूलमेट ने दावा किया कि वो क्लास रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर स्कूल पार्लियामेंट का हिस्सा थी। बहुत सारे सीनियर उसके दोस्त थे।
पढ़ाई में अच्छी थीं रिया क्लास 5 वीं से 9 वीं तक रिया को पढ़ाने वाले स्कूल के टीचर्स में से एक ने दावा किया कि रिया पढ़ाई में काफी अच्छी थीं। वो क्लास में बहुत एक्टिव थी। वो स्कूल में अपने टीचर्स और सीनियर्स की फेवरेट थी।
उन्होंने कहा, “क्लास में पहले दिन रिया ने खुद को ऐसे इंट्रोड्यूस किया जैसे वो पैराशूट हेयर ऑयल के विज्ञापन में फीचर की गई हो। उस उम्र में भी लड़की आत्मविश्वास से भरी थी और क्लास में वो जिस तरह से बातचीत करती थी, उससे उसकी इंटेलिजेंसी साफ दिखती थी। वो टीचर्स के द्वारा पूछे गए हर सवाल का जवाब देने की कोशिश करती थी।
स्कूल के एक दूसरे टीचर ने नाम छापने की शर्त पर कहा कि रिया स्कूल की महिला बास्केटबॉल टीम की सबसे जूनियर सदस्यों में से एक थीं। पांच लड़कियां जो उनके साथ टीम में थीं अब गजेटेड ऑफिसर हैं। उनमें से कुछ भारतीय सेना में हैं। जबकि रिया ने आगे बढ़कर ग्लैमर की दुनिया में अपना नाम बनाया।
स्कूल के प्रिंसिपल फादर भास्कर जेसुराज (Bhaskar Jesuraj) ने कहा कि उन्होंने रिकॉर्ड्स की जांच की थी। पता चला कि रिया ने 2002-2007 के बीच सेंट क्लेयर में पढ़ाई की थी। उस समय स्कूल के प्रिंसिपल फादर Joseph Dabre थे। उसके बाद उनका ट्रांसफर हो गया है।
उन्होंने कहा, “एक प्रिंसिपल के लिए हर छात्र को जानना मुश्किल है, खासकर एक जूनियर क्लास में और उस समय के उसके टीचर उसे बेहतर जान सकते हैं।”