सौंफ के गुण
शायद ही कोई व्यक्ति हो जो ‘सौंफ’ से परिचित न हो। सौंफ को मसालों की रानी और पान की जान भी कहा जाता है। सौंफ का पौधा झाड़ के समान पतली-पतली कोमल पत्तियों वाला होता है। यह बहुत अधिक ऊंचा नहीं होता। इसके फूल पीले होते हैं। इस पौधे पर जो फल लगता है उसी को सौंफ कहते हैं। अंग्रेजी में इसे अनिसीड कहते हैं।
सौंफ के दाने छोटे और हरे होते हैं। आम तौर से सौंफ छोटी और बड़ी दो प्रकार की होती है। दोनों ही खूशबूदार होती है। सौंफ का उपयोग अचारों और सब्जियों को रूचिकर/खूशबूदार/जायकेदार बनाने के अतिरिक्त औषधि के रूप में भी बहुत अधिक होता है। आयुर्वेद के अनुसार सौंफ त्रिदोष नाशक है। बुद्धिवर्धक तथा रूचिवर्धक है।
सौंफ दृष्टिवर्धक, दीपन, पाचन, कफ निकालने वाली तथा पेट की अन्य शिकायतों को दूर करने वाली है। हालांकि सौंफ का उपयोग हर घर में होता है लेकिन इसके गुणों की तरफ कोई ध्यान नहीं देते। इस नन्हीं जान में ऐसे ऐसे गुण हैं जो अनेक रोगों का नाश कर सकती है। चलिए देखते हैं क्या हैं ये गुण…
सौ ग्राम सांफ को तवे पर भून कर पीस लें, इसमें इतनी ही मात्रा में पिसी हुई मिश्री मिला लें। भोजन के बाद इसका दो चम्मच सुबह शाम ताजे पानी के साथ सेवन करने से पाचन शक्ति ठीक होती है।
सौंफ चूर्ण आधा चम्मच, पांच बड़ी इलाइची एक कप पानी में उबालें, आधा रहने पर छान लें और इसमें दूध मिलाकर उबालें। इस दूध का सेवन बच्चे/बड़े सभी कर सकते हैं। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट को बहुत लाभ होता है।