जिंदा इंसान पानी में डूब जाता है लेकिन मृत शरीर तैरता क्यों है, यहां पढ़ें।
जिंदा इंसान पानी में डूब जाता है लेकिन मृत शरीर तैरता क्यों है
आज अपने इस पोस्ट में बताएंगे कि आखिर मृत शरीर (dead body) में ऐसी कौन सी प्रकिया होती है जिससे पहले शरीर डूब जाता है और फिर पानी पर तैर ने लगता है, जब एक जीवित इंसान पानी में होता है और अगर वो सांस लेता है तो वह तैरता रहते हैं और सांस लेना बंद करता है तो वो डूबना शुरू कर देता है, क्योंकि जीवित इंसान के पास पानी के समान घनत्व (Equal density) होता हे, जब एक शरीर पानी में डूबता है तो वह इतनी गहराई तक जाएगा जब तक उसे कोई अवरोध नहीं मिलता। जैसे ही शरीर गहरे पानी में डूबता है, पानी का दबाव पेट और छाती के गुहाओं में गैसों को संपीड़ित करता है, जिसके चलते शरीर कम पानी को विस्थापित करता है।
पानी गर्म है या ठंडा उस पर भी निर्भर होता है।
इसके साथ ही अगर पानी गर्म है, तो शरीर के अंदर गैस का निर्माण तेजी से होता है और शरीर एक या दो दिन में पानी पर वापर तैरने लगता है। अगर पानी ठंडा है तो बैक्टीरिया की प्रक्रिया (Bacterial process) बहुत धीमी गति से होती है और शरीर के सतह पर दिखाई देने में कई हफ्ते लग सकते हैं। पानी में डूबने से मौत का ज्यादातर मुख्य कारण फेफड़ों से पानी के साथ खुन का विस्फोटक कमजोर पड़ जाने से होता है। इसी के चलते ऑक्सीजन (Oxygen) ले जाने की खुन की क्षमता में तेजी से विफलता हो जाती है, जिसके चलते गंभीर क्षेत्रों और श्वासावरोध में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
थोड़ा पानी फेफड़ों में प्रवेश करता है। Larry gospasm द्वारा अवरुद्ध श्वास नली (Blocked respiratory tract) के साथ, कोई भी ताजा हवा फेफड़ों में प्रवेश नहीं करती है और ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी होने लगाती है। ऑक्सीजन की कमी, एनोक्सिया, 30 सेकंड के अंदर मस्तिष्क को प्रभावित करता है।
laryngospasms मस्तिष्क की इसी विफलता के साथ कमजोर पड़ने लगते हैं। मृत शरीर पानी में डूब जाता है तो शरीर में अपघटन प्रक्रिया (Decomposition process) शुरू हो जाती है और सबसे जरूरी में से एक ऊतकों में शुगर और प्रोटीन (Sugars and proteins) का जीवाणु अपघटन होता है।
खास तौर पर कोलीफॉर्म (Coliform), क्लोस्ट्रीडियम (Clostridium), सोदोनोनस (Sodononus) और प्रोटियस प्रजातियां (Proteus species)। बैक्टीरियल गुणों (Bacterial genes) को कार्बन डाइऑक्साइड (carbon dioxide) और सल्फर डाइऑक्साइड (sulfur dioxide) का उत्सर्जित करते हैं जो कुछ शरीर के अंगों को फुलाते हैं। मुख्य रूप से चेहरा, पेट और पुरुष जननांग को फुलाते है
मृत शरीर पानी मे क्यों तैरता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डेड बॉडी (Dead body) तब तक नहीं पानी डूबती जब तक पानी से ज्यादा उसका घनत्व (density) न हो। डेड बॉडी का घनत्व ज्यादा हो जाता हे तब वह पानी के अंदर डूबने लगती है। पानी के अंदर डेड बॉडी 4 गुना ज्यादा तेजी से सड़ने लगती है। सड़ने की वजह से डेड बॉडी का वजन कम हो जाता है, जिससे डेड बॉडी पानी के ऊपर तैर ने लगती है।