लश्कर-ए-तैयबा सरगना और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड का देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे आतंकी फंडिंग के रैकेट का एनआइए ने पर्दाफाश किया है।
आतंकी फंडिंग से जुड़े तीन लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही उनके पास से करोड़ों रुपये की देशी और विदेशी मुद्रा भी बरामद की गई है।
यह रैकेट लश्कर-ए-तैयबा के मुखौटा संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के तहत चलाया जा रहा था। फलाह-ए-इंसानियत को अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
एनआइए के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारत में आतंक फंडिंग के लिए फलाह-ए-इंसानियत के नेटवर्क के बारे में सुरक्षा एजेंसियों को जानकारी कुछ महीने पहले मिली थी। इसके आधार पर इस साल जुलाई में एनआइए में एफआइआर भी दर्ज की गई थी।
जांच में पता चला कि निजामुद्दीन में रहने वाला मोहम्मद सलमान यूएई में रहने वाले फलाह-ए-इंसानियत के लिए काम करने वाले पाकिस्तानी के संपर्क में था।
मोहम्मद सलमान को फलाह-ए-इंसानियत के दुबई व अन्य देशों में बैठे गुर्गे हवाला के मार्फत लगातार पैसे भेज रहे थे। जिसे बाद में जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों तक पहुंचाया जाता था।
एनआइए ने मोहम्मद सलमान के साथ-साथ सलाह-ए-इंसानियत की ओर से पैसे मंगाने वाले हवाला आपरेटर दरियागंज के मोहम्मद सलीम उर्फ मामा और श्रीनगर के अब्दुल राशिद को भी गिरफ्तार किया है।
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गिरफ्तारियों के साथ ही मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सलीम और कूचा घासीराम में हवाला आपरेटर राजाराम एंड कंपनी के ठिकानों पर मंगलवार को छापा भी मारा गया।
एनआइए ने छापे में एक करोड़ 56 रुपये नकद, 43 हजार रुपये की नेपाली मुद्रा, 14 मोबाइल फोन और पांच पेन ड्राइव बरामद होने का दावा किया है।
गौरतलब है कि आतंकी फंडिंग के मामले में एनआइए इसके पहले भी हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े कई आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।
जिसमें हिजबुल मुजाहिदीन के सरहना सैयद सलाउद्दीन भी शामिल है। लेकिन देश की राजधानी में एजेंसियों की नाक के नीचे चलने हाफिज सईद के आतंकी फंडिंग के नेटवर्क का खुलासा पहली बार हुआ है।
एनआइए के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के पास बरामद, मोबाइल, पेन ड्राइव की जांच की जा रही है। आशंका है कि इस नेटवर्क में कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं। जाहिर है आने वाले दिनों में कुछ अन्य गिरफ्तारियों से इनकार नहीं किया जा सकता है।