विवाहेतर संबंध अपराध नहीं है, तो ट्रिपल तलाक क्योंः ओवैसी।
कुछ ऐसा ही सुनने को मिला हाल ही में प्राप्त समाचारों से।
हमेशा अपने बयानों के लेकर विवादों में रहने वाले ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने तीन तलाक के खिलाफ लाए गए अध्यादेश पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे असंवैधानिक करार दिया है।
उनका कहना है कि, अध्यादेश को कोर्ट में चुनौती दिया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि, सुप्रीम कोर्ट ने तो धारा 377 और 497 को असंवैधानिक करार दे दिया गया है तो मोदी सरकार ट्रिपल तलाक को क्रिमिनलाइज क्यों कर रही है।
ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक अध्यादेश को वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि यह एक तरह का फ्रॉड है। उन्होंने कहा कि अध्यादेश के पहले पन्ने पर सरकार ने कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट कहती है कि तीन तलाक असंवैधानिक है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कुछ कहा ही नहीं है।
ओवैसी ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि, ट्रिपल तलाक अध्यादेश को न्यायालय में चुनौती दिया जाना चाहिए।
बता दें कि, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में तीन तलाक के खिलाफ अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई। विपक्षी पार्टियां इस अध्यादेश को मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बता रही है। कांग्रे्स का कहना है कि, मोदी सरकार का यह कदम राजनीति से प्रेरित है।
इससे पहले ओवौसी ने कहा था कि, ट्रिपल तलाक के खिलाफ लाए गए अध्यादेश को मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बताया था। उनका इस पर कहना था कि, यह अध्यादेश संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के खिलाफ है।
ओवैसी ने कहा कि एडल्टरी अपराध नहीं है, लेकिन ट्रिपल तलाक अपराध है, यह समझ के परे है।