कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल को भेजे गए इस नोटिस में अनिल अंबानी ने कहा है कि वे बिना किसी सबूत के कोई आरोप ना लगाएं।
राफेल सौदे को लेकर रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी पर आरोप लगाकर कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है। राहुल गांधी को दो चिट्ठी लिखने के बाद अनिल अंबानी ने अब लीगल नोटिस भेजा है।
कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल को भेजे गए इस नोटिस में अनिल अंबानी ने कहा है कि वे बिना किसी सबूत के कोई आरोप ना लगाएं। यह नोटिस रिलायंस इंफ्रा, रिलायंस डिफेंस और रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर की तरफ से भेजा गया है।
नोटिस में लिखा गया है कि सभी नेताओं के पास राइट टू फ्रीडम जरूर है, लेकिन वह जिम्मेदारी के साथ ही बोलें और तथ्यों पर बोलें। अनिल ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी मेरे संस्थान के खिलाफ एक कैंपेन चला रही है।
नोटिस में कहा गया है कि रणदीप सुरजेवाला, अशोक चव्हाण, संजय निरुपम, अभिषेक मनु सिंघवी और अन्य नेता गलत तथ्यों के साथ उन पर और उनके ग्रुप पर आरोप लगा रहे हैं। जिसको लेकर रिलायंस समूह ने मामले को कोर्ट में ले जाने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी राफेल सौदे के मुद्दे पर लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। राहुल का कहना है कि मौजूदा सरकार राफेल विमानों के लिए यूपीए सरकार में तय कीमत से कहीं अधिक मूल्य चुका रही हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार ने इस सौदे में बदलाव सिर्फ एक उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए किया है।
इससे पहले बीते हफ्ते अनिल अंबानी ने राहुल गांधी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस पार्टी की जानकारी पूरी तरह गलत है और तथ्यों को लेकर भ्रम में है। अनिल अंबानी ने कहा कि इस सौदे से उनकी कंपनी को हजारों करोड़ का फायदा होने की बात पूरी तरह काल्पनिक है।
अनिल अंबानी ने यह भी कहा है कि भारत सरकार ने राफेल के जो 36 युद्धक विमान खरीदने का फैसला किया है वे पूरी तरीके से फ्रांस में ही निर्मित होंगे।
उनका निर्माण रिलायंस और फ्रांस की कंपनी डसो मिल कर नहीं कर रही हैं। इसलिए उनकी कंपनी के अनुभवहीन होने का जो आरोप लगाया जा रहा है वह पूरी तरह से बेबुनियाद है। अनिल अंबानी ने इस संबंध में पिछले साल दिसंबर में भी पत्र लिखा था।