ताज़ा समाचार : मोदी सरकार को लगा तगड़ा झटका।

ताज़ा समाचार : मोदी सरकार को लगा तगड़ा झटका।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से एक देश एक चुनाव की बात कहते रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि हाल-फिलहाल में इसकी कोई संभावना नही है क्योंकि इसकी तैयारियों में लंबा समय लगता है।

औरंगाबाद में मुख्य चुनाव आयुक्त रावत ने निकट भविष्य में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने के सवाल पर कहा कि कोई चांस नहीं।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने को लेकर स्वस्थ और खुली बहस कराने की बात कही थी।

रावत ने कहा कि चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के लिए कार्यक्रम तय करने से पहले करीब 14 महीने उसकी तैयारी में लगते हैं। आयोग के पास महज 400 का स्टॉफ है, लेकिन 1।11 करोड़ लोगों की ड्यूटी चुनाव के दौरान लगाई जाती है।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की नाकामी पर उठे सवालों पर रावत ने कहा कि इसकी नाकामी का औसत 0।5 से लेकर 0।6 फीसदी है और यह मशीनी स्तर यह औसत स्वीकार्य है।

अभी संभव नहीं ‘एक देश एक चुनाव’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की ‘एक देश एक चुनाव’ की महत्वाकांक्षी कोशिश को मूर्त रूप लेने की फिलहाल अभी कोई संभावना नहीं है। चुनाव आयोगने गुरुवार को एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की अटकलों को खारिज कर दिया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि देश में एक साथ चुनाव कराए जाने को लेकर लीगल फ्रेमवर्क पर काफी काम किए जाने की जरुरत है।

आयोग की ओर से यह स्पष्टीकरण उस समय आया है जब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनाव को अगले साल अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव तक के लिए टाला जा सकता है।

मिजोरम विधानसभा का कार्यकाल इस साल 15 दिसंबर को खत्म
हो रहा है, जबकि छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में विधानसभा अगले साल क्रमश: 5 जनवरी, 7 जनवरी और 20 जनवरी को खत्म हो रहा है।