भारत देश के कई राज्यों में दूध अौर दुग्ध पदार्थों में मिलावट लोगों खासकर बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं। आप इनका इस्तेमाल करने से पहले घर में इनकी आसानी से जांच कर सकते हैं।
खाद्य पदार्थों खासकर दूध में मिलावट लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है। मुनाफाखोरों द्वारा किए जा रहे मिलावट के खेल के कारण लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं।
ऐसे में इसका इस्तेमाल बिना जांच किए करना खतरनाक हो सकता है। मिलावट के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर अब दूध कारोबारियों में हड़कंप मचना शुरू हो गया है।
दूध व दूध पदार्थों के लिए गए सैंपलों में 40 फीसद फेल हो गए हैं। आप आसानी से घर में भी दूध और दुग्ध पदार्थों में मिलावट का पता लगा सकते हैं।
फूड सेफ्टी कमिश्नर केएस पन्नू ने स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा द्वारा मिल्क प्लांट एसोसिएशनों के साथ की गई बैठक में बताया कि खाद्य पदाथोंं खासकर दूध में मिलावट बेहद खतरनाक है और इस तरह के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में एसोसिएशन के सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री को दूध और दूध पदार्थों के साथ जुड़े कारोबारियों को मिलावटखोरों के कारण आ रही मुश्किलों के बारे में बताया।
ब्रह्म मोहिंद्रा ने कहा कि दूध और दूध पदार्थ बनाने वाले छोटे कारोबारियों को बिना वजह तंग नहीं किया जाएगा, लेकिन मिलावटखोरी करने वाले कारोबारी को बख्शा भी नहीं जाएगा।
खाद्य पदार्थों के साथ जुड़े कारोबारी एफएसएसएआई की तरफ से निर्धारित पैमानों का पालन करें और मिलावटखोरी के विरुद्ध चलाई जा रही मुहिम में सरकार का साथ दें।
बैठक में पनीर बनाने वाले कारोबारियों के एसोसिएशन के सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री को अपनी मांगों और मिलावटखोरों के कारण कारोबार में आ रही मुश्किलों से अवगत करवाया।
बता दें कि त्योहारी सीजन नजदीक आते ही पंजाब में दूध का काला कारोबार तेज हो गया है। गाय-भैंस के दूध में तो मिलावट कर जहर घोला ही जा रहा है साथ ही फैक्टरियों में भी नकली दूध व इससे बनने वाला खाद्य पदार्थ तैयार किया जा रहा है।
आए दिन बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध व इससे बनी वस्तुएं पकड़ी जा रही हैं। मिलावटी उत्पाद बनाने वाली करीब एक हजार छोटी फैक्टरियों व दुकानें सील की गई हैं। इसके बावजूद यह गोरखधंधा रुक नहीं रहा।
पंजाब के कई जिलों में छापे मारे जा रहे हैं, लेकिन मोगा, बाघापुराना, देवीगढ़ (पटियाला), गुरदासपुर और संगरूर में मिलावटी दूध, घी व पनीर की बड़ी मात्रा में बरामदगी हुई है। नकली दूध बनाने के लिए यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर व तेजाब आदि का इस्तेमाल हो रहा है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।
आम लोग इन मिलावटी वस्तुओं का रोज इस्तेमाल कर रहे हैं। लोग सस्ते उत्पादों के चक्कर में जहर खरीद रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सही मापदंड से एक किलो पनीर बनाने पर इसकी कीमत 256 रुपये बैठती है।
जबकि बाजार में कई स्थानों पर यह 150 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है। साफ है कि यह गाय या भैंस के दूध का बना हुआ कतई नहीं है। इसे रासायनिक तरीके से बनाया गया है।
चिकित्सकों का कहना है कि दूध में पानी मिलाने से सेहत को नुकसान नहीं होता। इसमें पाए जाने वाले तत्वों मात्रा जरूर कम हो जाती है। लेकिन, दूध में अन्य चीजों की मिलावट से सेहत खराब होने का खतरा रहता है।
दूध में मालटोज डेक्सट्राइन शुगर रोगियों की शुगर को बढ़ावा देकर उन्हें खतरे में डाल सकता है। यूरिया व डिटर्जेंट पाउडर पेट में खराबी, आंतों व लिवर में कैंसर का खतरा पैदा कर सकता है। इससे किडनी खराब हो सकती है।