कैबिनेट की बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू के मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चर्चा किए जाने से मना कर दिया। कैप्टन ने मंत्रियों से कहा कि सिद्धू के बारे में नेगेटिव बयान न दें।
पंजाब के कैबिनेट नवजोत सिंह सिद्धू का सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर टिप्पणी के मामले पर पंजाब कैबिनेट की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में कई मंत्रियों ने सिद्धू के बयान का मुद्दा उठाया।
इस पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तुरंत स्टैंड लिया और मंत्रियाें को सिद्धू के खिलाफ किसी तरह की नकारात्मक टिप्पणी नहीं करने को कहा।
सिद्धू के विरोध में कम से कम छह मंत्री सिद्धू के खिलाफ कैबिनेट में मोर्चा खोलने की तैयारी में थे, लेकिन सीएम के रुख से मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई।
बताया जाता है कि कैबिनट की बैठक शुरू हुई तो दो मंत्रियों ने नवजोत सिंह सिद्धू के बयान का मामला उठाया। सूत्रों के अनुसार, दोनों मंत्रियों ने इस मामले को भावुक अंदाज में उठाया, लेकिन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें रोक दिया। अमरिंदर ने मंत्रियों से कहा कि इस बैठक में तय सरकारी एजेंडों पर ही बात होगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सभी मंत्रियों से कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कोई नेगेटिव बयानबाजी नहीं करें। बैठक से बाहर जाकर भी कोई भी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ बयानबाजी नहीं करें।
पहले कयास लगाए जा रहे थे कि कैबिनेट की बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयानबाजी को लेकर हंगामा हो सकता है और कई मंत्री सिद्धू को कैबिनेट से हटाने की मांंग कर सकते हैं।
सूत्रों की माने, तो दो कैबिनेट मंत्रियों ने मीटिंग के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू का मुद्दा उठाया और भावनात्मक बातें कैप्टन अमरिंदर सिंह के सामने शुरू कीं, लेकिन कैप्टन ने इस पर कुछ न कहते हुए तुरंत उन मंत्रियों और उन्होंने कहा कि बैठक में सरकार से जुड़े मुद्दों पर ही बात की जाए।
चर्चा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह स्टैंड राजस्थान सहित अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लिया है। इसके साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी पर असर की आशंका के कारण भी इसे तूल नहीं देने का फैसला किया गया है।
बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में नवजोत सिंह सिद्धू के मामले को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक में सरकार से जुड़े मसलों पर ही चर्चा की गई।
नवजोत सिंह सिद्धू इस बैठक में नहीं अाए। धर्मसोत ने कहा कि यह कैबिनेट की सामान्य बैठक थी और इसमें नवजाेत सिद्धू से किसी भी मामले पर चर्चा नहीं की गई।
कैबिनेट की बैठक के लिए एजेंडा में कई विषय शामिल किए गए थे। सिद्धू के प्रकरण को फिलहाल समाप्त की कैप्टन ने मामले को और तूल न दिए जाने के संकेत दे दिए। पहले माना जा रहा था कि कैबिनेट बैठक में सिद्धू की कैप्टन के बारे में टिप्पणी का मामला छाया रहेगा।
बैठक में सिद्धू के नहीं अाने के बारे में जानकारों का कहना है कि वहवर्तमान हालात में कैप्टन का सामना नहीं करना चाहते। अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में व्यस्तता के कारण भी सिद्धू का इसमें आना संभव नहीं था।
दूसरी ओर, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताआें का कहना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का उपहास उड़ाने के विवाद में फंसे नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी के दिशानिर्देशों की भी अवहेलना की है।
पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने सभी स्टार प्रचारकों को यह निर्देश दिए थे कि जो भी नेता जहां पर प्रचार के लिए जा रहा है। वह केवल चुनाव व उसी राज्य की बात करेगा। लेकिन, कैप्टन पर कमेंट्स करके सिद्धू बुरी तरह फंस गए।
इस मामले में अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई है। समझा जाता है कि कैप्टन का इस मामले में रुख कैबिनेट की बैठक में स्पष्ट हाे सकता है।
अब तक पाकिस्तान दौर सहित कई अन्य मुद्दों पर सिद्धू का समर्थन करते रहे कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
सिद्धू को लेकर मुख्यमंत्री के करीबी व वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, साधू सिंह धर्मसोत, राणा गुरमीत सिंह साेढ़ी समेत छह से ज्यादा मंत्रियों का रुख से कड़ा है।
जानकारी के अनुसार, पूरा मामला पार्टी अध्यक्ष राहुल के भी ध्यान में है, लेकिन चुनावी बेला होने के कारण कोई भी इस पर कोई कमेंट्स नहीं करना चाह रहा है।
महत्वपूर्ण यह है कि सिद्धू की अक्सर ढाल बनते रहे कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ ने भी चुप्पी साध ली है। पाकिस्तान के आर्मी प्रमुख बाजवा से जफ्फी डालने का मामला हो या खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला के साथ फोटो खिंचवाने का मामला रहा हो, जाखड़ हमेशा ही सिद्धू के साथ खड़े रहे हैं।
सिद्धू को लेकर पंजाब कांग्रेस में बढ़ रहे गुस्से के बावजूद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुप्पी साध रखी है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मामला चूंकि राहुल गांधी से जुड़ा हुआ है, इसलिए भी मुख्यमंत्री इस मामले में सारे बिंदुओं का आकलन कर कोई कदम उठाएंगे।
जिस प्रकार से पंजाब के मंत्रियों में रोष है, उससे लगता है कि यह मामला इतनी जल्दी शांत नहीं होने वाला है।