गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का निधन लंबी बीमारी के बाद हुआ देहांत। सादगी ईमानदारी और मुस्कुराहट भरी भाव भंगिमा मनोहर पर्रीकर की पहचान थी।
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर का एक साल से गंभीर बीमारी से जूझने के बाद रविवार शाम को निधन हो गया। इससे पूर्व उनके कार्यालय ने उनकी हालत गंभीर होने की जानकारी दी थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पर्रीकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 63 वर्षीय पर्रीकर गंभीर पैंक्रिएटिक बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने डोना पौला स्थित निजी निवास में अंतिम सांस ली। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया।
उल्लेखनीय है कि पर्रीकर पिछले एक साल से बीमार चल रहे थे। पिछले दो दिनों में उनकी सेहत और बिगड़ती चली गई। सेहत बिगड़ने की सूचना मिलने के बाद उनके आवास पर उनके रिश्तेदारों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं का आने का सिलसिला शुरू हो गया। राज्य के पुलिस महानिदेशक प्रणब नंदा भी पहुंचे।
सादगी, ईमानदारी और मुस्कुराहट भरी भाव भंगिमा मनोहर पर्रीकर की पहचान थी। पर्रीकर को याद करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, गायिका लता मंगेशकर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, मुख्तार अब्बास अंसारी, मनोज सिन्हा, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, शरद यादव, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की। सोमवार को सुबह 11 बजे उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है।
एक साल से पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे 63 वर्षीय मनोहर पर्रीकर सबसे पहले 14 फरवरी, 2018 को बीमार पड़े थे। इसके बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। अगले दिन उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल ले जाया गया। कुछ दिनों तक उनका अमेरिका में इलाज चला।
पिछले साल 15 सितंबर को उन्हें नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया। इलाज के बाद पर्रीकर 14 अक्टूबर को गोवा लौट आए थे। उन्होंने 29 जनवरी को गोवा के बजट सत्र में भाग लेने के साथ ही अगले दिन राज्य का बजट भी पेश किया। हाल में गोवा का बजट पेश करने से पहले मनोहर पर्रीकर ने कहा था कि परिस्थितियां ऐसी हैं कि विस्तृत बजट पेश नहीं कर सकता लेकिन मैं बहुत ज्यादा जोश और पूरी तरह होश में हूं। सत्र के अंतिम दिन 31 जनवरी को उन्हें दिल्ली के एम्स में ले जाया गया था। वह पांच फरवरी को गोवा लौट आए।
13 दिसंबर 1955 को जन्मे पर्रीकर ने 1978 में आइआइटी बॉम्बे से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। वह किसी आईआईटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद देश के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले शख्स थे। पर्रीकर पहली बार 1994 में पणजी विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए थे। इसके बाद वह लगातार चार बार इस सीट से जीतते रहे।
राजनीति में उतरने से पहले पर्रीकर का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़ाव था। वह आरएसएस की उत्तर गोवा यूनिट में सक्रिय थे। वर्ष 2000 में वह पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने। उनकी छवि आम आदमी के सीएम के रूप में थी। अकसर स्कूटी से सीएम दफ्तर जाते उनकी तस्वीरें मीडिया में काफी चर्चित रहीं। हालांकि, उनकी पहली सरकार फरवरी 2002 तक ही चल सकी।