उन्होंने कहा, कोई भी जंग करना आसान है, लेकिन खत्म करना नहीं। जंग के बाद ये कहां तक जाएगी, कोई नहीं बता सकता।
कश्मीर के पुलवामा आतंकी हमले पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत बिना सबूत के हमारे ऊपर आरोप लगा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मैं इस आरोप पर भारत सरकार के लिए जवाब दे रहा हूं। इस हमले में हमारा कोई हाथ नहीं है। हम आतंकवाद पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए भी तैयार हैं।
इमरान ने कहा कि भारत हमेशा आतंकवाद पर बातचीत करने को कहता है, हम आतंकवाद पर बातचीत करने को तैयार हैं। मैं एक बार फिर बताना चाहता हूं कि ये नया पाकिस्तान है। नए पाकिस्तान में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है।
पाकिस्तान हर जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, ‘कोई भी जंग करना आसान है, लेकिन खत्म करना नहीं। जंग के बाद ये कहां तक जाएगी, कोई नहीं बता सकता।’
उन्होंने कहा कि सऊदी अरब के प्रिंस का दौरा था, इसलिए पुलवामा हमले के आरोप का पहले जवाब नहीं दिया। पाकिस्तान प्रिंस के दौरे के वक्त ऐसी हरकत क्यों करेगा जिससे कि स्थिति खराब हो, हम खुद 15 साल से आतंकवाद से लड़ रहे हैं।
हम पुलवामा हमले में कोई भी पाकिस्तान का दोषी हो तो कार्रवाई को तैयार है। हमें दहशतगर्दी से सबसे ज्यादा नुकसान हुए है, हमारे 7000 लोग मारे गए हैं।
इससे पहले कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी हमले के बाद दुनिया से अलग-थलग पड़ चुके पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से गुहार लगाई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यूएन से मांग की है कि आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच उपजे तनाव को कम करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा जिले में पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए आत्मघाती हमले में कम से कम 41 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मारे गए थे।
उधर, दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि पाक के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर सर्वोच्च निर्णय लेने वाली उच्च स्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) इस सप्ताह भारत के साथ चर्चा कर सकती है। दोनों मुल्कों के राजनयिक स्तर पर वार्ता हाने की संभावना पाक ने जताई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को सोमवार को एक पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में सहयोग की मांग की है।
कुरैशी ने अपने पत्र में इस क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाया है। उन्होंने कहा कि यहां ऐसे हालात बन रहे हैं, जिसमें भारत-पाकिस्तान की सेनाएं एक दूसरे के सामने खड़ी हैं।
उधर, भारत ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कश्मीर मुद्दे में वह किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की मांग को खारिज करता है। भारत का कहना है कि भारत-पाक संबंधों में सभी बकाया मामलों काे द्विपक्षीय रूप से हल करना सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने लिखा है भारतीय एजेंसियों ने हमले की जांच पूरी करने से पहले ही इसके लिए पाकिस्तान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने आरोप लगाया कि घरेलू राजनीतिक कारणों से भारत ने जानबूझकर पाकिस्तान के खिलाफ शत्रुतापूर्ण बयानबाजी करके तनावपूर्ण माहौल बनाया है।
कुरैशी ने लिखा कि भारत ने यह संकेत भी दिया है कि वह सिंधु जल संधि को छोड़ सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का यह कदम एक गंभीर त्रुटि वाला होगा।
पत्र में एक बार फिर कश्मीरी समस्या के समाधान को आगे बढ़ाने के लिए पाकिस्तान और कश्मीरियों के साथ बातचीत में शामिल होने की बात कही गई हैं। विदेश मंत्री ने अनुरोध किया कि पत्र को सुरक्षा परिषद और महासभा के सदस्यों को भी प्रसारित किया जाना चाहिए।