पेट्रोल-डीजल की बेकाबू होती कीमतों पर पेट्रोलियम मंत्री ने दिया अपनी ओर...

पेट्रोल-डीजल की बेकाबू होती कीमतों पर पेट्रोलियम मंत्री ने दिया अपनी ओर से बयान।

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आज पेट्रोल का दाम 48 पैसे बढ़कर 80 रुपये प्रति लीटर के करीब पहुंच गया और डीजल का दाम 52 पैसे चढ़कर 72 रुपये के पार चला गया है।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के ऊपर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा है कि जरूरी हो गया है कि इन्हें अब जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के दायरे में लाया जाए।

तेल कीमतों के बढ़ते जाने की वजह अंतर्राष्ट्रीय हैं लिहाजा इन्हें जीएसटी के दायरे में लाकर ही कीमतों पर कुछ नियंत्रण पाया जा सकता है।

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि फ्यूल कीमतों में अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक परिस्थितियों के कारण अचानक बढ़ोतरी आई है और इस बारे में केंद्र सरकार जागरूक है।

इसलिए अब ये जरूरी हो गया है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। ये दोनों अभी जीएसटी से बाहर हैं और इसके चलते देश को करीब 15,000 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ रहा है। अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के अंतर्गत आ जाते हैं तो ये सभी ग्राहकों के लिए बेहतर बात होगी।

पेट्रोल-डीजल पर सरकार की तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं इसके बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सिर्फ एक्साइज ड्यूटी कम करने से इनकी कीमतों में ज्यादा कमी नहीं आएगी और स्थिति को संभाला नहीं जा सकेगा।

ईरान, वेनेजुएला और टर्की जैसे देशों की राजनीतिक स्थितियों ने क्रूड ऑइल के उत्पादन पर असर डाला है और ओपेक देश अपने वादे के बावजूद क्रूड ऑइल का उत्पादन बढ़ाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं।

भारत लगातार अमेरिका के साथ इसको लेकर चर्चा कर रहा है जिसके ऊपर भी कच्चे तेल के उत्पादन का कम होने का असर देखा जा रहा है।

कल भारत और अमेरिका के बीच हुए 2+2 डायलॉग में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने तेल कीमतों का मुद्दा उठाया था। रुपये की गिरती कीमत का भी तेल कीमतों में आ रही तेजी के पीछे हाथ है।

धर्मेंद्र प्रधान ने ये भी कहा कि पेट्रोल-डीजल पर टैक्स बढ़ाकर ओडिशा सरकार ने करीब 7000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है। अगर राज्य सरकारें पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटा दें तो लोगों को इनकी बढ़ती कीमतों से राहत मिल सकती है।