सरकार ने 15 हजार रुपये प्रति माह से अधिक वेतन पाने वाली महिलाओं को मिलने वाले मातृत्व अवकाश के सात हफ्ते का वेतन नियोक्ताओं को वापस करने का फैसला किया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गुरुवार को यह घोषणा की। सरकार की इस घोषणा के दायरे में निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाएं आएंगी।
निजी और सरकारी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं आएंगी इसके दायरे में
यह फैसला ऐसी खबरों के बीच लिया गया है जब शिकायतें थीं कि मातृत्व अवकाश की अवधि 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते करने पर कंपनियां महिलाओं को नौकरी से निकाल रही हैं। इसके चलते कई कंपनियां गर्भवती महिलाओं को नौकरी देने में भी इच्छुक नहीं दिख रही हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि श्रम मंत्रालय से बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है।
26 हफ्तों में से सात हफ्ते के वेतन की राशि नियोक्ताओं को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों के पास पड़े श्रमिक कल्याण के पैसे का उपयोग बहुत कम हो रहा है।
बता दें कि इसी साल सरकार ने मातृत्व अवकाश को 12 हफ्तों से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया था। श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाओं को नौकरी से निकालने की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया है।