भारतीय रेलवे ने यात्रियों को राहत देने के लिए नई योजना तैयार की है। इसके तहत पीक व नान पीक सीजन फ्लेक्सी फेयर का किराया तय करेगा।
फ्लेक्सी फेयर स्कीम (डायनिमक फेयर) में विरोध झेल रहे रेलवे ने यात्रियों को राहत देने के लिए नई योजना तैयार की है। इसके तहत पीक व नान पीक सीजन फ्लेक्सी फेयर का किराया तय करेगा।
जब ट्रेनों में भीड़ अधिक होगी तो यात्रियों को फ्लेक्सी फेयर के मुताबिक ज्यादा रकम चुकानी होगी। अन्य दिनों में सामान्य किराया लगेगा।
इसकी वजह यह है कि राजधानी, दुरंतो व शताब्दी जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर स्कीम लगने से रेलवे की आय तो बढ़ गई है, लेकिन यात्रियों की संख्या कम हो गई।
इससे चिंतित रेलवे ने नान पीक व पीक सीजन का प्रस्ताव रेल मंत्री पीयूष गोयल को भेज दिया गया है। रेलमंत्री जल्द इसकी घोषणा कर सकते हैं।
बता दें कि 9 सितंबर 2016 से राजधानी, शताब्दी व दुरंतो ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया स्कीम लागू की गई थी। देश में करीब 44 राजधानी, 40 शताब्दी व 52 दुरंतो ट्रेनों में यह स्कीम लागू की गई है।
ट्रेन में यात्रियों की संख्या बढऩे के बाद किराया भी बढ़ता जाता है जो अंत तक करीब डेढ़ गुना तक हो जाता है। इसको लेकर रेलवे को विरोध भी झेलना पड़ा लेकिन इसका रेलवे बोर्ड ने रास्ता निकालना शुरू कर दिया है। रेलवे बोर्ड ने अलग अलग प्रस्ताव मंत्रालय को भेजे हैं।
अभी राजधानी का किराया हवाई जहाज से भी महंगा पड़ने लगा है। नई दिल्ली से बंगलुरु राजधानी एक्सप्रेस का किराया फस्र्ट एसी का जहां 6735 रुपये है, वहीं हवाई जहाज का किराया आज का 6232 व कल का 5832 रुपये है।
इसी तरह नई दिल्ली से हैदराबाद का वापसी का राजधानी एक्सप्रेस का किराया 24 अक्टूबर को सेकेंड एसी का करीब 4700 रुपये था जबकि जहाज से वापसी का 3490 रुपये रहा।
फ्लेक्सी फेयर स्कीम लागू होने के कारण हैदराबाद से वापसी का किराया उस दिन जहाज से भी महंगा रहा। इस कारण यात्रियों का रुझान राजधानी शताब्दी की जगह मेल एक्सप्रेस ट्रेन या फिर जहाज की ओर बढ़ गया है। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि जल्द ही नान पीक सीजन पर रेल मंत्री फैसला ले सकते हैं।