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बड़ी खबर : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पूछी राम मंदिर निर्माण की तारीख।

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उद्धव ठाकरे ने रामनगरी अयोध्या में आज कहा कि राम मंदिर श्रद्धा का मुद्दा है, अदालत इसे तौल नही सकती है। सरकार को चाहिए कि अदालत से पहले कानून बनाए।

विश्व हिंदू परिषद की विराट धर्मसभा के ठीक एक दिन पहले अयोध्या में शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंदिर निर्माण को लेकर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

उद्धव ने कहा, राम मंदिर निर्माण के लिए इंतजार करते कितने साल बीत गये। मंदिर कब बनाएंगे, हमें तारीख बताइए।

उद्धव ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि चुनाव आ गया तो श्रेय लेने आ गये हैं लेकिन, मैं कहता हूं कि आप श्रेय लीजिए और मंदिर बनाइए।

मंदिर बनने के बाद मैं सिर्फ राम भक्त बनकर रामलला का दर्शन करने आऊंगा। संबोधन के बाद उद्धव सरयू आरती में भी शामिल हुए।

शनिवार को लक्ष्मण किला मैदान में अखिल भारतीय ब्राह़मण संसद द्वारा आयोजित संत सम्मान समारोह एवं आशीर्वादोत्सव में उद्धव मुख्य यजमान थे।

हालांकि आयोजन में अपेक्षा के अनुरूप भीड़ नहीं जुटी। वह मुंबई से विशेष विमान से सपरिवार आये और एयरपोर्ट से सीधे पंचवटी पहुंचे।

फिर वहां से निर्धारित समय से करीब ढाई घंटे विलंब से पत्नी रश्मि ठाकरे, पुत्र आदित्य ठाकरे व कई सांसदों समेत वह कार्यक्रम में पहुंचे। वहां अफरातफरी का माहौल था। संचालक बार-बार व्यवस्था बहाल करने की गुहार लगा रहे थे।

इसी अव्यवस्था के बीच संतों का सम्मान हुआ। इस बीच सिर्फ रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और राम वल्लभाकुंज के अधिकारी युवा संत राजकुमार दास ने आयोजन को संबोधित किया और उद्धव को आशीर्वाद दिया।

उद्धव की बारी आने तक स्थानीय लोग जाने लगे थे लेकिन, उन्होंने बाला साहेब ठाकरे के अंदाज में भाषण शुरू किया तो लोगों के कदम ठिठक गए। मोदी का नाम लिये बिना ही उन पर निशाना साधा।

संबोधन की शुरुआत में अपने पिता बाला साहेब ठाकरे को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। आज का दिन मेरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि एक संत के आशीर्वाद से जीवन संवर जाता है। मुझे तो इतने संतों ने आशीर्वाद दिया है।

मंदिर निर्माण को लेकर हो रही देरी पर उद्धव ने तंज कसते हुए कहा कि कुंभकर्ण छह माह सोता और छह माह जागता था। मैं आज के कुंभकर्ण को जगाने आया हूं। कहा, सब मिलकर मंदिर बनाएंगे तो जल्दी मंदिर बनेगा। उन्होंने अटल सरकार की भी याद दिलाई।

कहा, तब मिलीजुली सरकार थी तो कठिनाई थी लेकिन, आज मजबूत सरकार है। उप्र में मेरे मित्र की सरकार है। अगर आप कानून बनाना चाहते तो कानून बनाओ, अध्यादेश लाना चाहते तो अध्यादेश लाओ लेकिन, मंदिर बनाओ।

उन्होंने कहा कि श्रद्धा को कानून से मापा नहीं जा सकता। नोटबंदी की तो अदालत का इंतजार नहीं किया तो मंदिर बनाने में इंतजार क्यों। जल्द से जल्द मंदिर बनाइए। हमारी पार्टी और हमारे सांसद आपके साथ हैं।

उद्धव ने कहा कि लोग कहते हैं कि मंदिर बनाने के लिए हिम्मत चाहिए। मैं कहता हूं कि सीना कितना बड़ा है, यह महत्वपूर्ण नहीं है। मंदिर बनाने के लिए सीने में दिल होना चाहिए। मैं भूले वादे को याद दिलाने आया हूं। उद्धव ने अटल को कई बार याद किया।

कहा, अटल जी कहते थे कि अब हिंदू मार नहीं खाएगा। मैं कहता हूं कि अब हिंदू चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने हुंकार भरी कि पहले मंदिर-फिर सरकार। उनकी इस गूंज के जवाब में शिवसैनिकों ने भी दम भरा।

आयोजन के जरिये उद्धव ने एक बड़ी लकीर खींची। दरअसल, रामजन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ही इस समय मंदिर आंदोलन के सबसे अग्रणी हैं। शिवसेना के मंच पर उनकी मौजूदगी से उद्धव के इरादों को मजबूती मिली।

न्यास के ही सदस्य पूर्व सांसद राम विलास वेदांती या अन्य लोगों द्वारा उद्धव पर उछाले जा रहे सवालों का जवाब भी मिल गया। उनके आने के बाद सारी अटकलें खारिज हो गईं।

अयोध्या के उभरते युवा संत राजकुमार दास की मौजूदगी ने भी उद्धव के आयोजन की गरिमा बढ़ाई। राजनीतिक समीक्षकों ने कहा कि नृत्य गोपाल दास को मंच पर लाकर शिवसेना ने बड़ी लड़ाई जीती है।

राम मंदिर निर्माण के लिए रविवार को बड़े भक्तमाल की बगिया में विहिप की विराट धर्म सभा है और इसके लिए अलग-अलग नेताओं ने दो से तीन लाख तक की भीड़ लाने का दावा किया है।

यकीनन आयोजन स्थल और तैयारी को देखकर यह लग रहा है कि भीड़ जुटेगी। पर, शिवसेना विहिप के मुकाबले पोस्टर वार में भारी रही। पूरी अयोध्या को शिवसेना के पोस्टर-बैनर से सजा दिया गया।

हर पोस्टर पर हर हिंदू की यही पुकार-पहले मंदिर फिर सरकार, नारा और बाला साहब ठाकरे, उद्धव ठाकरे और उनके पुत्र आदित्य ठाकरे की तस्वीरें थीं। लोग यह कहने से भी नहीं चूके कि केवल उप्र में ही परिवारवाद नहीं है। महाराष्ट्र भी इससे अछूता नहीं है।

इससे पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज प्राइवेट प्लेन से परिवार के साथ रामनगरी अयोध्या पहुंचे। उनका अयोध्या में दो दिन का प्रवास है।

एयरपोर्ट से वह परिवार के साथ होटल पहुंचे और कुछ देर आराम करने के बाद लक्ष्मण किला मैदान पहुंच गए। शिवसेना प्रमुख लक्ष्मण किला मैदान में अपने परिवार के साथ गौरी, गणेश और कलश पूजन किया।

अपने परिवार के साथ विधि विधान से की नवग्रहों की पूजा की। होटल में चंद मिनट शिवसेना के शीर्ष नेताओं के मिलने के बाद उद्धव ठाकरे का महंत नृत्य गोपाल दास से मिलने का कार्यक्रम था।

आज उनके आगमन की सूचना पर अयोध्या की सड़कों पर बड़ी संख्या में शिवसैनिक उमड़ पड़े हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच शिवसैनिकों का लक्ष्मण किला में जमावड़ा रहा।

सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मुस्तैद रहे। चार पहिया व दोपहिया वाहनों को सघन जांच के बाद ही जाने दिया गया।