बड़ी बात: एयर इंडिया का पायलट हुआ टेस्ट में फेल।

बड़ी बात: एयर इंडिया का पायलट हुआ टेस्ट में फेल।

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ब्रीद एनालायजर टेस्ट में पायलट फेल, एयर इंडिया का विमान बीच रास्ते से लौटा। विमानन क्षेत्र में चालक के शराब पीकर विमान उड़ाने या इसका प्रयास करने को सुरक्षा के लिहाज से भयानक जोखिम माना जाता है।

बार-बार चेतावनी के बावजदू एयर इंडिया के कुछ वरिष्ठ पायलट और आला अधिकारी अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं हैं। फिर भी अनुभव और रसूख के कारण एयर इंडिया उन्हें बर्दाश्त किए जा रही है।

रविवार को एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलट और बोर्ड में निदेशक अरविंद कठपलिया को ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फिर पॉजिटिव पाया गया। उन्हें पौने दो साल पहले भी इसी वजह से तीन महीने के लिए उड़ान से वंचित किया गया था।

फिर दारूबाजी में फंसे एयर इंडिया के वरिष्ठ पायलट व निदेशक
रविवार 11 नवंबर को कमांडर कठपलिया को ब्रीद एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटव पाया गया। वे एयर इंडिया की दिल्ली-लंदन फ्लाइट उड़ाने जा रहे थे।

इससे पहले 19 जनवरी, 2017 को उन्हें दिल्ली-बेंगलुरु उड़ान से पूर्व ब्रीद एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था। परिणामस्वरूप उनका कामर्शियल पायलट लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था।

उस समय ब्लड सेंपल न देने तथा जांच में बाधा पैदा करने के कारण उनके विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज की गई थी। खास बात यह है कि कैप्टन कठपलिया एयर इंडिया बोर्ड के सदस्य (निदेशक-आपरेशंस) भी हैं।

वैसे तो दारूबाज पायलटों से दुनिया की तकरीबन हर एक एयरलाइन किसी न किसी रूप में त्रस्त है। लेकिन भारतीय एयरलाइनों, खासकर एयर इंडिया के पायलटों की चर्चा कुछ ज्यादा होती है।

इससे जुड़े सवाल के विमानन मंत्री द्वारा संसद में दिए गए उत्तर के अनुसार पिछले तीन वर्षो के दौरान 132 पायलटों को उड़ान पूर्व किए जाने वाले ब्रीद एनालाइजर टेस्ट में पाजिटिव पाया गया है।

पिछले साल विमान उड़ाने से पहले की गई जांच में 45 पायलटों को ‘टुन्न’ हालत में पकड़ा गया था। सड़क और रेल की तरह विमानन क्षेत्र में भी चालक के शराब पीकर विमान उड़ाने या इसका प्रयास करने को सुरक्षा के लिहाज से भयानक जोखिम माना जाता है।

इसी लिए प्रत्येक उड़ान से पहले पायलटों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाता है। पॉजिटिव पाए जाने पर लाइसेंस के निलंबन से लेकर रद्द किए जाने तक की सजा निर्धारित है।