बिहार में गरमाई सियासत, लालू के सुपुत्र ने खोला बड़ा राज।

बिहार में गरमाई सियासत, लालू के सुपुत्र ने खोला बड़ा राज।

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लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव के अचानक राजनीतिक रूप से सक्रिय होने को लेकर तरह-तरह की बातें कहीं जा रही है। इस बाबत क्‍या कहते हैं लालू के लाल, जानिए इस खबर में।

राष्‍ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने कहा है कि मुख्‍यमंत्री नीतश कुमार से उनके व्‍यक्तिगत संबंध हैं। कहा कि राजनीति में वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नहीं, बल्कि अपने पिता लालू प्रसाद यादव की नकल करते हैं।

साथ ही सफाई दी कि वे अपने मामा साधु और सुभाष यादव के इशारे पर राजनीति में सक्रिय नहीं हुए हैं, बल्कि यह उनका अपना फैसला है।

विदित हो कि पत्‍नी ऐश्‍वर्या राय से तलाक के लिए पटना की अदालत में मुकदमा दर्ज करने के बाद तेजप्रताप यादव एक महीने से भी अधिक समय तक राजनीति से दूर होकर काशी-वृंदावन की तीर्थयात्रा पर रहे।

तलाक के इस मामले में उन्‍हें परिवार का साथ नहीं मिल रहा है। इस कारण पटना वापस लौटने के बाद भी वे अलग रह रहे हैं। इसके लिए उन्‍होंने सरकार से अपने लिए बंगला मांगा, जो मिल चुका है। उम्‍मीद है कि खरमास बाद वे उसमें शिफ्ट कर जाएंगे।

तेजप्रताप यादव ने कहा कि उन्हें बंगला दिलाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मदद की है। यह भी कहा कि नीतीश कुमार से उनके व्यक्तिगत संबंध हैं। यह वैसा ही है, जैसा सभी नेताओं का होता है।

तेजप्रातप ने कहा कि विधायक व पूर्व मंत्री होने के नाते उन्‍हें घर चाहिए था, जो मिल गया है। विदित हो कि तेजप्रताप यादव ने अपने लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फोन कर बंगला मांगा था।

लालू प्रसाद का बड़ा बेटा व विधायक होने के नाते पार्टी दफ्तर में जनता दरबार लगाने के दौरान वरिष्ठ नेताओं की अनुपस्थिति पर तेजप्रताप ने कहा कि प्रदेश राजद अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे बीमार हैं, वे दिल्ली में इलाज करा रहे हैं। अन्‍य नेता चुनावी व्यस्तता के कारण नहीं आ पा रहे हैं।

हाल ही में जनता दरबार में उठे एक मामले को लेकर तेजप्रताप से पटना के फुलवारी थानाध्‍यक्ष ने बदतमीजी की। इससे आहत तेजप्रताप सीधे थाना पर धरना देने पहुंच गए।

वहां राजद का कोई बड़ा नेता तो नहीं दिखा, लेकिन मामा साधु यादव पहुंचे। लालू परिवार से लंबे समय से दूरी बनाए हुए साधु यादव के इस तरह तेजस्‍वी के समर्थन में खड़े होने के राजनीतिक अर्थ लगाए जा रहे हैं।

माना जा रहा है कि तेजप्रताप यादव की अचानक राजनीतिक सक्रियता के पीछे मामा साधु यादव और सुभाष यादव का हाथ है। दोनों ने तेजप्रताप यादव के समर्थन में बयान भी दिए हैं। इसपर सफाई देते हुए तेजप्रताप ने कहा कि वे किसी मामा-चाचा या मौसा-मौसी की नहीं सुनते।

खुद को ‘कृष्‍ण’ तथा तेजस्‍वी को अपना ‘अर्जुन’ बताने वाले तेजप्रातप ने आगे कहा कि मामा का वध कृष्ण ने ही किया था। कहा कि वे तेजस्‍वी के साथ हैं। दोनों भाइयों के बीच दरार पैदा करने की कोशिशें नाकाम रहेंगी।