बीजीबी के महानिदेशक मेजरल जनरल शफीनुल इस्लाम ने कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण बाजारों, रास्तों और समेकित सीमा चौकियों पर जाली नोटों की जांच करने वाली मशीनें लगाई हैं।
सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक के. के. शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर जाली भारतीय नोटों की तस्करी के मामलों में काफी कमी आई है।
गौरतलब है कि शुक्रवार दिन में बीएसएफ ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष बीजीबी के साथ बातचीत में बिलकुल उलट बात करते हुए सीमा पार से होने वाली जाली नोटों की तस्करी में वृद्धि पर चिंता जताई थी। बीजीबी की टीम छह दिन की यात्रा पर नई दिल्ली आई थी।
वहीं बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के महानिदेशक मेजरल जनरल शफीनुल इस्लाम ने कहा कि उन्होंने महत्वपूर्ण बाजारों, रास्तों और समेकित सीमा चौकियों पर जाली नोटों की जांच करने वाली मशीनें लगाई हैं। दोनों देशों के बीच करीब 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है।
इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे महानिदेशक शर्मा ने कहा कि नोटबंदी के बाद जाली भारतीय नोटों की तस्करी में काफी कमी आई है। वहीं जो नोट पकड़े जा रहे हैं उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि उन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है।
उन्होंने कहा कि 2018 में अभी तक 11 लाख रुपये कीमत के जाली नोट जब्त किए गए हैं, जबकि नोटबंदी से पहले जब्त किए जाने वाले जाली नोटों की कीमत करोड़ों रुपये में होती थी।
परोक्ष रूप से पाकिस्तान का हवाला देते हुए बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि भारत के पश्चिम में स्थित एक ‘मित्र पड़ोसी’ राष्ट्र जाली नोट छाप रहा है और उन्हें भेज रहा है। बांग्लादेश का इस्तेमाल तो सिर्फ रास्ते के रूप में किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को उस वक्त चलन में मौजूद 1,000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर कर दिया है। दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के बीच विस्तृत चर्चा के बाद शुक्रवार को संयुक्त रिकॉर्ड पर हस्ताक्षर किया गया।