मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि जांच आख्या में घटना के कारणों व दोषी लोगों का विवरण शामिल किया जाए।
बुलंदशहर में गोवंश फेंके जाने के बाद भीड़ के हिसंक प्रदर्शन में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह समेत दो लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है।
मुख्यमंत्री ने दिवंगत पुलिस इंस्पेक्टर की पत्नी को 40 लाख रुपये तथा माता पिता को 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। दिवंगत इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की।
उन्होंने एडीजी इंटेलिजेंस एसबी शिराडकर को मौके पर जाकर दो दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। साथ ही घटना की जांच के लिए आइजी मेरठ की अध्यक्षता में एसआइटी भी गठित की गई है। स्थिति पर नियंत्रण के लिए बुलंदशहर में पांच कंपनी आरएएफ और छह कंपनी पीएसी तैनात की गई है।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि जांच आख्या में घटना के कारणों व दोषी लोगों का विवरण शामिल किया जाए। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और प्रभावितों को आर्थिक सहायता दिए जाने के संबंध में निर्णय लेगी।
दूसरी ओर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने सोमवार शाम पत्रकारों को बताया कि एसआइटी गोवंश फेंके जाने के बाद ग्रामीणों के आक्रोश व इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले की अलग-अलग जांच करेगी।
देर रात उन्होंने स्पष्ट किया कि इंस्पेक्टर की मौत गोली लगने से ही हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह सामने आया है कि बाईं आंख के पास गोली लगी। एडीजी ने बताया कि कुछ वीडियो सामने आये हैं, जिनके आधार पर असामाजिक तत्वों को चिह्नित किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि महाव गांव में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों और पुलिस के बीच लगभग शांतिपूर्ण माहौल बन गया था। किस वजह से बात बिगड़ी और उपद्रव हो गया, इसकी जांच की जा रही है। अभी तक इस मामले में एक ही प्राथमिकी लिखी गई है, जिसमें सात लोग नामजद हैं।
एडीजी ने बताया कि बुलंदशहर में इज्तमा के लिए एक संप्रदाय के लगभग पंद्रह लाख लोग जमा थे। इनमें आठ लाख लोग वापस लोट चुके हैं। घटना के बाद इज्तमा से वापस लौट रहे लोगों को वाहनों को रोक दिया गया।