अपने पिछले साल की सफलता को एक बार फिर दोहराते हुए भारत ने र्इज आॅफ डूइंग बिजनेस में 23 अंकों की लंबी छलांग लगार्इ है। इसके साथ ही भारत अब 23वें पायदान पर पहुंच चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी की अगुवार्इ वाली सरकार के लिए इसे एक बड़ी सफलात माना जा रहा है। भारत के लिए इस रैंकिंग में 23 अंकों की छलांग इसलिए भी खास है कि क्योंकि सभी दक्षिण एशियार्इ देशों भारत की सबसे उंची रैंकिंग है। भारत ने इस बार भुटान को भी पीछे छोड़ दिया है।
बीते दो साल में भारत ने वर्ल्ड र्इज आॅफ डूइंग बिजनेस में कुल 53 अंकों की छलांग लगा चुका है। इस रैंकिंग में न्यूजीलैंड, सिंगापुर आैर डेनमार्क ने क्रमशः पहले, दूसरे व तीसरे पायदान पर कब्जा किया है।
इस रैकिंग में दुनिया के कुल 190 देशों के सूची जारी हुर्इ है। भारत के अलावा इस बार की रैंकिंग में अफगानिस्तान ने भी लंबी छलांग लगाया है।
इसके साथ ही 10 मापदंडों में से 6 में सुधार करते हुए भारत, दुनिया के शीर्ष 10 सुधरने वाले देशों में शमिल हुआ है। भारत ने कारनामा लगातार दूसरी बार किया है।
पिछले साल भारत ने 30 अंकों का छलांग लगाने के साथ टाॅप 100 देशों में शामिल हुआ था। विश्व बैंक ने कहा कि वस्तु एंव सेवा कर (जीएसटी), इंसाॅल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, श्रम कानूत जैसे रिफाॅर्म करने बाद भारत को यह सफलता हासिल हुर्इ है।
विश्व बैंक ने आगे कहा, “भारत ने जीएसटी लागू करके देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को पहले से बेहतर आैर आसान बनाया है।” इसके साथ ही बजट 2018 में छोटे बिजनेसेज में काॅर्पोरेट टैक्स कट करने के भारत के फैसले को भी विश्व बैंक ने सराहा है।
रैंकिंग जारी होने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जब हमने सरकार बनार्इ थी जो प्रधानीमंत्री ने कहा था कि हमें इस रैंकिंग में टाॅप 50 में शामिल होना है।
अाज में 77वें पायादान पर है। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इससे कम से कम सरकारी प्रक्रियाआें आैर पर्सनल्स की मदद से गवर्नेंस को बढ़ाना ही र्इज आॅफ डूर्इंग बिजनेस है।
इसी देश में निवेश की दिशा तय होती है।जबकि यूनियन मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने कहा कि यह केंद्र, राज्य आैर सभी लोकल सरकारों द्वारा समुचित प्रयासों का नतीजा है। सभी ने अपने-अपने स्तर पर कड़ी मेहनत की है।