अमृतसर के गांव में आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ था। जांच में पता चला है कि निरंकारी भवन मेंं फेंका गया ग्रेनेड पाकिस्तान के आर्मी फैक्टरी में तैयार ग्रनेड जैसा था।
जिले के अदलीवाल गांव स्थित निरंकारी भवन पर रविवार को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ निकला है। इस संबंध में अहम सुराग मिले हैं।
इस हमले में पाकिस्तान की आर्मी ऑर्डिनेंस फैक्टरी में ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ है। पंजाब सरकार ने कहा है अमृतसर जिले के अदलीवाल गांव में रविवार को निरंकारी भवन में ग्रेनेड से हुए हमला आतंकियों की करतूत थी।
हमलावरों के बारे में जानकारी देने के लिए सरकार ने 50 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। इसके साथ ही पुलिस ने सीसीटीवी में कैद हमलावरों की तस्वीरें जारी की है।
साेमवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘ब्लास्ट में इस्तेमाल हुआ ग्रेनेड पाकिस्तान की आर्मी ऑर्डिनेंस फैक्टरी में तैयार होने वाले ग्रेनेड जैसा है। इसलिए प्राथमिक जांच में हमले में पाकिस्तान की शमूलियत लगती है।
पिछले माह पंजाब पुलिस की ओर से मारे गए आतंकवादी गिरोह से एचई-84 ग्रेनेड मिला था, जो बिल्कुल इसके जैसा ही था। इससे संकेत मिलता है कि सरहद पार की ताकतें इसमें शामिल हैं।’
कैप्टन ने कहा, ‘इस घटना को अलगाववादियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ व कश्मीरी आतंकवादियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है।
इसे 1978 में सिखों व निरंकारियों के बीच हुई झड़प से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। वह धार्मिक मामला था। यह आतंकी घटना है।’ इसके साथ ही उन्होंने आतंकियों का सुराग देने वालों को 50 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की।
वहीं, एनआइए की टीम ने सोमवार को साढ़े पांच घंटे निरंकारी भवन में ग्रेनेड एचई-84 के अवशेषों की जांच की। इस ग्रेनेड को कई देशों की सेनाएं युद्ध में इस्तेमाल करती हैं।
पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की तरफ से इस्तेमाल ग्रेनेड के विस्फोटक पदार्थ को अमृतसर ब्लास्ट के विस्फोटक से मिलाकर देख रही हैं। टीम में जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी भी शामिल हैं।
वहीं, खुफिया एजेंसियों ने भी आशंका जताई है कि इस हमले में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के गुर्गे हरमीत सिंह पीएचडी उर्फ हैप्पी पीएचडी व लखबीर सिंह रोडे का हाथ हो सकता है। उधर, पुलिस ने सीसीटीवी में कैद हुई दो हमलावरों की तस्वीरें जारी की हैं, लेकिन उनके स्कैच को लेकर संशय की स्थिति है।
दोनों हमलावरों की स्कैच साेशल मीडिया पर वायरल हो रही है, लेकिन पुलिस इससे इन्कार कर रही है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह आतंकी हमला था और पुलिस इसकी जांच कर रही है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सोमवार को दोपहर बाद अमृतसर पहुंचे और फिर अदलीवाल गांव पहुंच कर घटनास्थल का जायजा लिया। उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, कैबिनेट मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू, और कैबिनेट मंत्री ओपी साेनी भी थे।
मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का जायजा लेने के साथ ही घटनाक्रम पर पुलिस के आला अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। उन्होंने एनआइए की टीम के साथ भी घटनास्थल पर बात की।
उधर हमलावरों की स्कैच पर संशय पैदा हो गया। साेशल मीडिया पर दोनों हमलावरों की स्कैच वायरल हाे गया। पुलिस ने इसके बाइ कोई स्कैच जारी किए जान से इन्कार किया।
बार्डर जोन के आइजी सुरिंदर पाल सिंह परमार ने कहा कि हमने कोई स्कैच जारी नहीं किया है। इसके साथ ही परमार ने कहा कि मामले की जांच पुलिस करेगी या एनआइए यह मुख्यमंत्री अौर डीजीपी पर निर्भर करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, यह आतंकी घटना है। ग्रेनेड निरंकारी भवन के मुख्य गेट से 60 फीट अंदर फेंका गया था। इस हमले को 1978 की घटना से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उससे इसका कुछ लेनादेना नहीं है।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस हर खतरे से निपटने में सक्षम है। हमें पंजाब पुलिस पर पूरा भरोसा है। इस मामले की जांच चल रही है। इसके पूरा होने तक कुछ नहीं कह सकते हैं किसका हाथ है, अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
मुख्यमंत्री ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद गुरु नानक देव अस्पताल में घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहायता की घोषणा पहले ही की जा चुकी है।
हमले में मारे गए लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक एचएस फूलका से सेनाध्यक्ष के बारे में ऐसे गैरजिम्मेदाराना बयान की उम्मीद नहीं की जाती। इस तरह की बयानबाजी गलत है आैर आतंकी हमले पर राजनीति करना किसी को शोभा नहीं देता।
दूसरी ओर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हमलावरों और हमले में शामिल संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए 50 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि इस बारे में जानकारी पंजाब पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 181 पर दी जा सकती है। जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी।
दूसरी ओर, हमले की जांच में पंजाब पुलिस और एसआइए की टीम देर सायं तक जुटी रही। एनअाइए की टीम निरंकारी भवन के अंदर मोर्चा संभाले रखा। इस दौरान लोगों को अंदर नहीं जाने दिया गया। उधर, हमलावराें की संख्या को लेकर संशय बना हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने हमलावरों की संख्या तीन बताई है तो पुलिस हमला करने वालों की संख्या दो बता रही है। सीसीटीवी फोटो में भी बाइक पर दो ही हमलावर नजर आ रहे हैं।
इस बीच संगरूर सीआइए स्टाफ ने खालिस्तान गदर फोर्स के आतंकी फतेह माजरी (पटियाला) निवासी जतिंदर सिंह उर्फ बिंदर को दिड़बा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। वह यहां से भागने की फिराक में था। उसे पटियाला पुलिस को सौंप दिया गया है।
एसएसपी डॉ. संदीप गर्ग ने बताया कि जतिंदर फोर्स के पहले से गिरफ्तार आतंकी शबनमदीप का साथी है। दोनों ने मिलकर कई देश विरोधी वारदातें की हैं। उनके खिलाफ पटियाला में कई मामले दर्ज हैं।
शबनमदीप सिंह के तार भी इस ब्लास्ट से जुड़े हैं। शबनमदीप से मिले हैंड ग्रेनेड व निरंकारी भवन में धमाके में इस्तेमाल ग्रेनेड एक जैसे होने की आशंका है।
इनके मिलान के लिए अमृतसर पुलिस ने पटियाला पुलिस से इनपुट मांगा है। शबनमदीप सिंह को प्रोडक्शन वारंट पर लिया जा सकता है।
वहीं, अमृतसर पुलिस ने भी अलगाववादी संगठनों केकरीब 12 लोगों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पुलिस उनकी मोबाइल लोकेशन खंगाल रही है, ताकि पता चल सके कि घटना के वक्त वे कहां थे।
इसके अलावा पुलिस रेफरेंडम 2020 के मामले में अमृतसर व लुधियाना में गिरफ्तार 10 संदिग्धों को प्रोडक्शन वारंट पर लेने की तैयारी कर रही है।
दूसरी ओर, जांच में शामिल होने के लिए निरंकारी समुदाय के बाबा अजमेर सिंह संधू अदलीवाल स्थित निरंकारी भवन में पहुंचे। वह वहां कुछ देर रुके और पुलिस अधिकारियों व एनअाइए की टीम के साथ बातचीत के बाद वहां से चले गए। निरंकारी भवन के बाहर भारी पुलिस बल तैनात है।
बता दें कि रविवार को अमृतसर के अदलीवाल गांव में निरंकारी भवन में सत्संग के दौरान दो युवकों ने ग्रेनेड फेंका था। इससे हुए धमाके में तीन लोगों की मौत हो गई आैर करीब 20 लोग घायल हो गए।
हमले में पाकिस्तानी व कश्मीरी आतंकियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। ये युवक सत्संग के दौरान वहां पहुंचे और ग्रेनेड फेंक दिया।
घटना की जांच के लिए रविवार देर रात नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम भी पहुंच गई। टीम में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले की जांच करने वाले सदस्य भी शामिल हैं, ताकि आतंकी हमलों में आपसी संबंध तलाशा जा सके।
एएनआइ की टीम में विस्फोटक विशेषज्ञ भी शामिल हैं। टीम ने पंजाब के डीजीपी और डीजी (इंटेलिजेंस) के साथ भी विचार-विमर्श किया।