मलेशिया में लेस्बियन सेक्स के लिए शरिया कोर्ट ने 22 और 32 साल की दो महिलाओं को कोड़े मारे जाने की सजा सुनाई। मानवाधिकार संगठनों ने इस सजा की कड़ी निंदा करते हुए इसे बेहद ही क्रूर और अमानवीय बताया।
मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में दो महिलाओं को दी गई सज़ा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। इन तस्वीरों की पश्चिमी जगत की मीडिया में खासी आलोचना हो रही है।
मामला ये है कि दो महिलाओं को समलैंगिक संबंध बनाने पर मलेशिया की अदालत ने उन्हें कोड़े मारने की सजा सुनाई थी। उसी सज़ा की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर चारों ओर छाई हैं।
यह मामला मलेशिया के उत्तरी राज्य के तेरेंगगनु का है जिसे देश के कट्टर इलाकों में शामिल माना जाता है। सोमवार को तेरेंगगनु शरिया हाईकोर्ट ने इसे इस्लामिक कानून का उल्लंघन मानते हुए आरोपी महिलाओं को 6-6 कोड़े मारने और 3300 रिंगिट (56,000 रुपया) का जुर्माना भरने की सजा सुनाई।
इसके बाद दोनों महिलाओं को कोर्टरुम में ही कोड़े मारे गए। कोर्ट में महिलाओं को 100 लोगों की मौजूदगी में सजा दी गई। बताया जा रहा है मलेशिया में इस तरह का यह पहला मामला है।
इस्लामिक कानून को लागू करने वाले अधिकारियों ने अप्रैल 2018 में तेरेंगगु इलाके में दोनों महिलाओं को कार में कथित आपत्तिजनक स्थिति में पाया था। मलेशिया के शरिया कानून के मुताबिक समलैंगिक संबंध बनाना बड़ा गुनाह माना जाता है। इस कानून के तहत उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था। सजा पाने वाली दोनों महिलाओं की उम्र क्रमश: 22 और 32 साल है।
मलेशिया के मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि यह देश में पहली बार हुआ है कि जब महिलाओं को शरिया कानून के उल्लंघन पर इस तरह कोड़ा मारने की सजा सुनाई गई हो।
उनका कहना है कि मलेशिया में समलैंगिक समुदाय के लिए माहौल खराब होता जा रहा है। उन्होंने सजा को बेहद क्रूर और अमानवीय बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।