शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या के भागने में सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए के शर्मा के शामिल होने की बात कही थी।
विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भगाने पर सीबीआई पर लगाए गए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का सीबीआई ने शनिवार को खंडन किया है।
सीबीआई ने माल्या के भागने के बाद उन पर लगाए जा रहे आरोपों का खंडन करते हुए कहा की इसमें सीबीआई के किसी अधिकारी का हाथ नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘जैसा कि पहले भी बताया गया है कि विजय माल्या के खिलाफ एलओसी बदलने का निर्णय उस समय लिया गया था जब सीबीआई के पास उन्हें हिरासत में लेने और गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं थे।’
इसी के साथ सीबीआई का कहना है, ‘यह निर्णय उचित स्तर पर प्रक्रिया के तहत लिया गया था आरोपों के मुताबिक अधिकारी द्वारा व्यक्तिगत रूप से नहीं किया गया।’
बैंक ने नीरव मोदी के भागने के एक महीने बाद की थी शिकायत
इसके बाद सीबीआई ने नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भगाने में अपनी संलिप्तता का भी खंडन किया।
उन्होंने कहा, ‘पीएनबी ने उनके (नीरव मोदी और मेहुल चौकसी) देश से भाग जाने के एक महीने बाद शिकायत दर्ज कराई थी।
ऐसे में सवाल ही नहीं उठता की उनके भागने में किसी सीबीआई अधिकारी ने मदद की हो।’ इसी के साथ सीबीआई ने कहा कि बैंक से शिकायत मिलने के तुरंत बाद सीबीआई ने तत्काल कार्रवाई की थी।
दरअसल शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या के भागने में सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए के शर्मा के शामिल होने की बात कही थी। राहुल ने शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी बताया था।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए।के शर्मा ने माल्या के ‘लुक आउट’ नोटिस को कमजोर किया जिससे माल्या को विदेश भागने में मदद मिली।
गुजरात कैडर के अधिकारी शर्मा, सीबीआई में प्रधानमंत्री के चहेते हैं। यही अधिकारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के भी भागने देने की योजना का प्रभारी था। इसकी जांच होनी चाहिए।’