2 दिन के मध्य प्रदेश दौरे पर छतरपुर पहुंचे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और युवा नेता अखिलेश यादव ने हाल ही में कहा कि मध्यप्रदेश में जिसको कांग्रेस की ओर से टिकट ना मिले, उसके लिए समाजवादी पार्टी का दरवाजा खुला हुआ है।
इसके अलावा महागठबंधन को लेकर अखिलेश यादव ने यह बड़ा बयान दिया है। अखिलेश यादव ने यह कहा है कि मैंने कांग्रेस से महागठबंधन के लिए नहीं कहा लेकिन कांग्रेस की जिम्मेदारी है कि वह सही दलों को एक साथ रखें।
साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि जब जब कांग्रेस कमजोर होती है तो उसके सबसे करीब समाजवादी पार्टी होती है।
आप की जानकारी हेतु बता दें कि मध्य प्रदेश में चुनावी समर का शंखनाद हो चुका है। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस तो मैदान में है ही लेकिन इस सियासी रेस कोर्स में घोड़े दौड़ाने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने भी अपने अपने उम्मीदवार उतारने का पूरी तरह से मन बना लिया है।
पहले सियासी महाभारत में महागठबंधन का दम भरने वाले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी जैसे दल कांग्रेस के खेमे को सहारा देने को तैयार थी, लेकिन बाद में बहुजन समाजवादी पार्टी ने किनारा किया और फिर समाजवादी पार्टी ने।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह तक कह दिया था कि वह और इंतजार नहीं कर सकते इसलिए सब्र का बांध टूटा और कुछ प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। मध्य प्रदेश की महाभारत में रथ दौरान एक बार खुद मैदान में उतरे।
अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी गठबंधन की बात हमने नहीं की। पहल कांग्रेस को करनी चाहिए थी। अब जब सियासी समर में समाजवादी पार्टी मैं अपना अलग खेमा बना लिया है।
तो फिर सेना और योद्धा की तैयारी भी जरूरी है, इसलिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनकी पार्टी से चुनाव लड़ने वाले योद्धाओं का स्वागत किया है।
स्वागत इस लहजे में की हर लब्ज से सियासत की महक बिखरे तैयारी ऐसी के कांग्रेस से टिकट ना मिली तो नाराजगी उतारने के लिए समाजवादी पार्टी से चुनावी समर में उतर आए।
अब तक समाजवादी पार्टी के तेवर मध्य प्रदेश की सियासी जमीन पर बिल्कुल साफ हैं। जिसको देखते हुए यह हो सकता है कि समाजवादी पार्टी को दूसरे दलों से नाराज लोगों का साथ भी मिले लेकिन समाजवादी पार्टी की मध्य प्रदेश में स्थिति क्या कहती है यह तो भगवान ही जाने।
सियासी समीकरण बनाने और बिगाड़ने में समाजवादी दल कितनी अहम भूमिका निभाएगा। यह सवाल तीर की तरह चल रहा है। लेकिन सवाल का जवाब चुनावी आंकड़े ही देते हैं।
मध्य प्रदेश के 2013 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 164 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे। इन 164 प्रत्याशियों में से 161 प्रत्याशियों ने जमानत जप्त हो गई थी। सपा के सभी प्रत्याशियों को कुल मिलाकर 404883 वोट ही मिले थे या नहीं समाजवादी पार्टी के फुल मूड के 1.20 फ़ीसदी वोट ही मिले थे।
जबकि 2013 में मध्यप्रदेश में बीएसपी का प्रदर्शन अच्छा रहा था। बीएसपी के 227 प्रत्याशियों में से 4 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। हालांकि बीएसपी के 194 प्रत्याशियों की जमानत जप्त हो गई थी। बीएसपी के 227 सीटों पर कुल 2128333 वोट मिले थे। यानी प्रदेश में बसपा को कुल वोट के 6.29 फ़ीसदी वोट मिले थे।