मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए कांग्रेस ने शनिवार को 155 उम्म्दीवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, इलेक्शन कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। उम्मीदवारों के नामों को लेकर पिछले काफी समय से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं में मंथन चल रहा था।
मध्यप्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए फिलहाल कांग्रेस ने 155 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि जल्द ही बाकी सीटों के लिए भी प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा।
230 विधानसभा सीटों वाले राज्य में 28 नवंबर को मतदान होगा। पांचों राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम) के चुनावी नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। नीचे देखें, 155 कांग्रेस उम्मीदवारों की लिस्ट। किसे-कहां से मिला टिकट।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राघोगढ़ विधानसभा सीट से टिकट मिला है। अर्जुन सिंह के बेटे को चुरहट विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिला है।
155 उम्मीदवारों की इस लिस्ट में राऊ सीट से जीतू पटवारी, झाबुआ लोकभा क्षेत्र से सांसद कांतिलाल भूरिया के भाई विक्रांत भूरिया को टिकट मिला है।
इसके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को भोजपुर से और कांग्रेस की युवा इकाई के अध्यक्ष कुणाल चौधरी को कालापीपल से टिकट मिला है।
कांग्रेस की इस लिस्ट में 22 महिला उम्मीदवारों का भी नाम है। वहीं इस लिस्ट में कांग्रेस के तीन सिटिंग एमएलए के नाम काटे गए हैं। पांच मौजूदा विधायकों के नाम होल्ड पर रखे गए हैं।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से बीजेपी की सरकार है और शिवराज सिंह चौहान राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। इस बार भी सीएम शिवराज सिंह चौहान अपनी पुरानी सीट बुधनी से ही चुनाव लड़ेंगे।
कांग्रेस में टिकट बंटवारे से दो दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने कांग्रेस से सांसद दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के झगड़े की खबर आई थी। बताया जा रहा था कि टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के दोनों दिग्गज नेता राहुल गांधी के सामने ही भिड़ पड़े।
स्थिति यह आ गई थी कि राहुल गांधी को बीच-बचाव करना पड़ा। झगड़े के बाद तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। कांग्रेस नेता अहमद पटेल, अशोक गहलोत और वीरप्पा मोइली को विवाद सुलझाने की कमान सौंपी गई थी।