आसान हुई मां वैष्णो देवी की यात्रा। हेलीकॉप्टर सेवा व केबल कार सिद्ध हो रही है वरदान। मात्र तीन घंटे में पूरी कर सकते हैं अब वैष्णो देवी की यात्रा।
त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान मां वैष्णो देवी की यात्रा के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद व्यवस्था ऐसी है कि अब न लंबी कतारें दिखती हैं और न कोई झंझट।
हेलीसेवा, बैटरी कार और रोपवे के रोमांच ने इस यात्रा को और भी सुगम व मनभावन बना दिया है। यही वजह है कि इस वर्ष 85 लाख के करीब श्रद्धालु मां के भवन में शीष नवाने पहुंच रहे हैं और यह पांच सालों का रिकॉर्ड है।
नया रास्ता खुलने से यात्रा का आकर्षण काफी बढ़ गया है। इस समय भी 25 से 30 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन मां के दरबार में पहुंच रहे हैं। यूं कहें कि एक घंटे में 1500 से करीब दो हजार श्रद्धालु मां के दरबार के दर्शन पाते हैं।
यात्रा की बढ़ती गति का अनुमान इससे भी लगाया जा सकता है कि कभी तीन दिन की यात्रा अब कुछ घंटों में पूरी कर श्रद्धालु लौट रहे हैं। बस आवश्यक है कि आपकी तैयारी पूरी हो।
देशभर के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु अधिकतर रेल व हवाई मार्ग से ही जम्मू पहुंचते हैं। कटरा के रेलमार्ग से जुड़ने के बाद अधिकतर यात्री सीधे कटरा ही पहुंचना पसंद करते हैं। उसके बाद कटरा से हेलीकॉप्टर सेवा या फिर बैटरी कार सेवा से दरबार में तेजी से पहुंच जाते हैं।
इसका ही असर है कि उम्रदराज व शारीरिक रूप से सक्षम लोग भी आसानी से दर्शन कर पाते हैं। वैष्णो देवी मंदिर से भैरो घाटी के मध्य पैसेंजर केबल कार शुरू होने के बाद तो अब भैरो घाटी में भी भक्तों की भीड़ बढ़ रही है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, भैरो दर्शन के बिना मां वैष्णो देवी यात्रा को पूर्ण नहीं माना जाता है। अभी तक कुछ फीसद लोग ही, वहां दर्शनों के लिए जा पा रहे थे।
करीब दो दशक पहले तक श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए कठिन चढ़ाई का सामना करना पड़ता था। इस तरह श्रद्धालुओं को कटरा से आगे भवन तक यात्रा पूरी करने के लिए करीब दो दिन का समय लगता था।
उससे पूर्व श्रद्धालु रेलमार्ग तक जम्मू पहुंचते थे। वहां से निजी टैक्सी या फिर बसों में बैठकर आधार शिविर कटरा पहुंचना होता था। उसके बाद पैदल या फिर खच्चर पर भवन तक पहुंचते थे।
समय के साथ ही केंद्र सरकार और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने साल दर साल विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसका वर्तमान में श्रद्धालु लाभ उठा रहे हैं और वैष्णो देवी यात्रा भी पूरी तरह से आसान हो गई है।
कटरा रेलवे सेवा से जुड़ने से अब यह मशक्कत काफी कम हो गई है। उसके बाद नए मार्ग पर सुविधाएं भी बढ़ी हैं और यात्रा काफी सुगम हो गई है। केंद्र सरकार ने इसका दायरा बढ़ाकर आधार शिविर कटरा तक कर दिया। वर्ष 2014 में श्रद्धालु रेल द्वारा आधार शिविर कटरा सीधे पहुंचने लगे। यह रेल सेवा देश के विभिन्न प्रांतों से जुड़ी हुई है।
जिनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कन्याकुमारी, अगरतला, असम, महाराष्ट्र, गुजरात आदि प्रमुख हैं। ऐसे में रेलसेवा से श्रद्धालु सीधे आधार शिविर कटरा पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालुओं की परेशानियों को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड वर्ष 2000 में हेलीकॉप्टर सेवा नियमित रूप से शुरू कर दी। यह सेवा श्रद्धालुओं को आधार शिविर कटरा से सांझी छत तक उपलब्ध है।
श्रद्धालु सेवा का लाभ उठाते हुए मात्र 5 मिनट के भीतर सांझी छत्त पहुंच जाते हैं। वहां से करीब आधे घंटे में मां वैष्णो देवी मंदिर पहुंचकर मां के अलौकिक दर्शन करता है। हेली सेवा के लिए टिकट आप ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
इसके तहत 1045 रु. प्रति श्रद्धालु अदा करना होगा। यह हेलीकॉप्टर सेवा वर्तमान में सुबह 8:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक उपलब्ध है।
उसके बाद पैसेंजर केबल कार सेवा के माध्यम से तीन मिनट में आप भैरव घाटी पहुंच सकते हैं। वहां दर्शन करने के उपरांत मात्र एक घंटे में आप फिर से केबल कार के माध्यम से भवन पर पहुंच जाएंगे। वहां से वापस हेली सेवा द्वारा आप फिर से आधार शिविर कटरा तक पहुंच जाएंगे। उसके बाद श्रद्धालु पर्यटन के अन्य विकल्प देख सकते हैं।
वैष्णो देवी यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी दिव्यांग, मरीज तथा बुजुर्ग श्रद्धालुओं को होती थी, क्योंकि घोड़े द्वारा कठिन चढ़ाई पूरी कर जैसे-तैसे श्रद्धालु मां के भवन पहुंच जाते थे। श्रद्धालुओं के इस परेशानी को दूर करने के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2010 में अर्धकुमारी से वैष्णो देवी मंदिर के बीच बैटरी कार सेवा शुरू की।
इस मार्ग पर करीब 25 बैटरी कारें श्रद्धालुओं को सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक अपनी सेवाएं दे रही हैं। जिससे श्रद्धालुओं की विशेष कर दिव्यांग मरीज़ तथा बुजुर्ग श्रद्धालुओं की परेशानियां दूर हो गई हैं।
कहते हैं कि मां वैष्णो देवी की यात्रा तब तक पूर्ण नहीं होती जब तक श्रद्धालु मां वैष्णो देवी की अलौकिक दर्शनों के उपरांत भैरव घाटी जाकर भैरो बाबा के आगे नतमस्तक न हों। पर भवन से भैरव घाटी तक करीब साढ़े 3 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई के चलते चाहते हुए भी अधिकांश श्रद्धालु भैरव घाटी नहीं पहुंच पा रहे थे।
विशेष कर दिव्यांग तथा बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए भैरव घाटी पहुंचना लगभग असंभव था। श्रद्धालुओं की इस परेशानी को दूर करने के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इसी माह 24 दिसंबर को अत्याधुनिक पैसेंजर केबल कार सेवा शुरू की है।
जहां पहले श्रद्धालुओं को पैदल करीब 2 घंटे से अधिक की कठिन चढ़ाई पूरी कर भैरो घाटी पहुंचना पड़ रहा था। परंतु वर्तमान में पैसेंजर केबल कार के जरिए श्रद्धालु मात्र 3 मिनट के भीतर भैरों घाटी पहुंचकर भैरो बाबा के आलौकिक दर्शन बिना किसी के परेशानी के कर रहे है।
अब वैष्णो देवी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को विशेषकर भीड़भाड़ वाले दिनों में यात्रा के दौरान एकमात्र पारंपरिक मार्ग पर काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि एकमात्र पारंपरिक मार्ग पर हर जगह भीड़ लगी रहती थी, तो दूसरी ओर वहां से गुजर रहे घोड़ों तथा खच्चरों के कारण श्रद्धालु आए दिन चोटिल हो रहे थे।
इस समस्या से श्रद्धालुओं को निजात के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इसी वर्ष नया ताराकोट मार्ग श्रद्धालुओं को समर्पित किया। यह मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित होने के साथ ही इस मार्ग पर घोड़ों तथा खच्चरों आदि की आने जाने की पूरी तरह से पाबंदी है।
श्रद्धालु केबल पैदल इस मार्ग का प्रयोग कर सीधे भवन की ओर जा सकता है। मार्ग पर जलपान केंद्रों के अलावा अन्य ईटिंग प्वाइंट्स भी श्रद्धालुओं के लिए बनाए गए हैं।
श्रद्धालु अपनी यात्रा के दौरान इस मार्ग से कुदरत की हरियाली वा नज़रों का भी आनंद ले रहा है। इस समय पहाड़ों पर बर्फबारी के कारण यहां की खूबसूरती सबको आकर्षित कर रही है।
इन सुविधाओं का फायदा उठाने के लिए आवश्यक है कि श्रद्धालु थोड़ा स्मार्ट बनें। तमाम जानकारी के साथ-साथ्ा श्रद्धालु श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट ( www.maavaishnodevi.org) पर घर बैठे अपनी यात्रा पर्ची ऑनलाइन बुक कर सकता है।
साथ ही हेलीकॉप्टर सेवा के साथ बैटरी कार सेवा और यहां तक कि आधार शिविर कटरा व मां वैष्णो देवी मंदिर पर रहने के लिए कमरों की बुकिंग भी वेबसाइट के जरिए कर सकता है।
दिव्यांग, मरीज या फिर बुजुर्ग श्रद्धालु आधार शिविर पहुंचकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के केंद्रीय कार्यालय के साथ ही नगर कटरा के मुख्य बस अड्डे पर बने निहारिका कंपलेक्स कार्यालय में जाकर अपने कागजात दिखाकर इन सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।