अगले 24 घंटों के दौरान, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, उत्तरी बंगाल और उससे सटे बिहार पर बारिश होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है।
सर्दी में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है। इस सीजन में बेहद कम कोहरा, बार बार बारिश और मैदानी इलाकों में अप्रत्याशित ओलावृष्टि को ग्लोबल वार्मिग का असर मान सकते हैं।
मौसम के तेजी से बदलते मिजाज के अहसास को मौसम वैज्ञानिक हालांकि जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वार्मिंग की वजह नहीं मानते, लेकिन मौसम के इस उतार चढ़ाव के अप्रत्याशित होने से वह इंकार भी नहीं करते हैं।
ताजा अनुमान बताते हैं कि अगले 24 घंटों में देश के 5 राज्यों में बारिश के साथ ओले गिरने की संभावना है। इसके अलावा शीतलहर अभी कायम रहेगी जो कि कंपकंपी और बढ़ाएगी।
अगले 24 घंटों के दौरान, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, उत्तरी बंगाल और उससे सटे बिहार पर बारिश होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है।
इससे किसान भी खुश हैं लेकिन यह राहत अधिक दिन के लिए नहीं है। इस सप्ताह बारिश की संभावना जताई जा रही है। गुरुवार को ओलावृष्टि व बारिश से मौसम ठंडा हुआ लेकिन शुक्रवार को दिन में खिली धूप निकली।
इससे अधिकतम तापमान 21.8 डिग्र्री व न्यूनतम 8.6 डिग्र्री रहा। शनिवार को अधिकतम तापमान 20.6 डिग्र्री व न्यूनतम 7.6 डिग्र्री रिकार्ड किया गया। धूप निकलने से आलू खुदाई आसान होगी।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह ने बताया कि इस सप्ताह हल्के से मध्यम बादल छाए रहने के आसार हैं। 15-16 फरवरी के मध्य हल्की बारिश होने की संभावना है।
सुबह व शाम मध्यम कोहरे के आसार हैं। यदि बारिश हुई तो इससे आलू की फसल को नुकसान हो सकता है, क्योंकि ज्यादातर खेतों में आलू तैयार हैं।
हिमाचल प्रदेश के अंदरूनी हिस्से अभी पिछले सप्ताह हुई भारी बर्फबारी से पूरी तरह से उबरे भी नहीं हैं वहीं, मौसम विभाग ने बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। अधिकारी ने कहा कि शिमला, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल और स्पीति, मंडी और चंबा जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है।
लाहौल और स्पीति जिले का केलांग राज्य में सबसे ठंडा रहा। शिमला के आसपास के इलाके जैसे कुफरी और नारकंडा और लोकप्रिय पर्यटन स्थल मनाली और डलहौजी अभी भी बर्फ की मोटी चादर से ढके हुए हैं।
अधिकारियों ने कहा कि किन्नौर, लाहौल-स्पीति, पांगी और भरमौर के बड़े हिस्से अभी भी बर्फ की वजह से अन्य इलाकों से कटे हुए हैं जिन्हें फिर से बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।