भारत में एक और जहां विपक्ष द्वारा राफेल डील को लेकर जबरदस्त राजनीति गरमा रही है। इतना ही नहीं बार-बार उठ रहे इस डील को लेकर सवाल पर यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार से इस डील पर जवाब मांगा हैं।
वहीं इस प्रकार से अचानक भारतीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का फ्रांस दौरा कई सवाल खड़े कर रहा है। इस दौरे को लेकर विपक्ष भी अपनी निगाहें टिकाए हुआ है। ऐसे में इस प्रकार की खबर का मिलना भी केंद्र सरकार पर शक की सुई घुमा रही है।
फ्रांस से खरीदे गए राफेल लड़ाकू विमान को लेकर चल रही राजनीतिक रस्साकशी के बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर पेरिस के लिये रवाना हो गई है।
इस यात्रा में सीतारमण फ्रांस की अपनी समकक्ष मंत्री फ्लोरेंस पारले के साथ रक्षा सहयोग और आदान प्रदान को गहरा करने के नये उपायों पर बातचीत करेंगी। इस दौरे में दोनों रक्षा मंत्री आपसी हितों के मसलों के अलावा क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक मसलों पर भी चर्चा करेंगी।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल, 2015 में अपने पेरिस दौरे मे फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने के फैसले का ऐलान किया था।
वहीं इस मामले को लेकर रक्षा सूत्रों के अनुसार आपसी रक्षा सहयोग के मसलों पर बातचीत के अलावा निर्मला सीतारमण फ्रांस की दासौं कम्पनी द्वारा बनाए जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमानों के निर्माण की प्रगति का भी जायजा लेंगी।
इतना ही नहीं रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने इस दौरे की पुष्टि करते हुए बताया है कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण का फ्रांस दौरा दोनों देशों के बीच चलने वाली रक्षा वार्ता के तहत हो रहा है।
दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच रक्षा वार्ता यानी रक्षा डायलाग का यह पहला संस्करण है। सीतारमण अपनी इस यात्रा में फ्रांस के राष्ट्रपति से भी मुलाकात करेंगी।