11-12 जनवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में भाजपा का दो दिवसीय अधिवेशन होने जा रहा है। इस अधिवेशन में देशभर से भाजपा के बड़े-बड़े नेता शामिल हो रहे हैं।
2014 की बड़ी लड़ाई से पहले दिल्ली के जिस रामलीला मैदान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंखनाद किया था, 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी वहीं से बिगुल बजेगा।
शुक्रवार से अब तक की सबसे बड़ी दो दिवसीय भाजपा राष्ट्रीय परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह जहां पूरे देश से आए हजारों कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देंगे।
वहीं सरकार की उपलब्धियों के बखान और विपक्षी दलों को कठघरे में खड़ा करने के साथ-साथ कार्यकर्ताओं को मनोबल भी बढ़ाया जाएगा। वस्तुत: दो दिनों के इस मंथन के बाद कार्यकर्ताओं और नेताओं को सीधे जमीन पर उतरने का निर्देश होगा।
जनवरी 2014 में इसी रामलीला मैदान में बतौर प्रधानमंत्री उम्मीदवार मोदी ने वैश्विक मानचित्र पर भारत को सबल रूप से खड़ा करने के लिए अपनी सोच रखी थी। चुनाव से पहले की वह आखिरी राष्ट्रीय परिषद की बैठक थी। उसमें उन्होंने खासतौर से तकनीक, पर्यटन, परंपरा, व्यापार और टैलेंट की बात की थी।
इस बार वह सरकार की उपलब्धियों के बारे में तो बताएंगे ही। निचले स्तर पर हुए बदलाव, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा को लेकर उठाए गए कदम के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बढ़ी छवि का भी उल्लेख होगा।
शाह जहां शुक्रवार को परिषद में उदघाटन भाषण करेंगे वहीं मोदी शनिवार को समापन भाषण देंगे। बताया जाता है कि तीन प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे जिसमें राजनीतिक और सुरक्षा से जुड़ा प्रस्ताव अहम होगा।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह बारी-बारी से विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों का करारा जवाब भी देंगे। वहीं ओबीसी आयोग, तीन तलाक, आरक्षण जैसे मुद्दे पर विपक्ष के रुख पर भी सवाल उठाया जाएगा।
महागठबंधन में चल रही खींचतान पर तंज भी होगा। इस बैठक में दस हजार से ज्यादा पदाधिकारी और कार्यकर्ता के आने की उम्मीद है।
दो दिनों में राज्यों पर भी अलग-अलग चर्चा होगी। प्रदेश नेतृत्व को निर्धारित समय में कामकाज का पूरा ब्यौरा दिया जाएगा। ध्यान रहे कि कुछ ही दिन पहले शाह ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए 17 कमेटी भी बनाई है।
राज्यों के प्रभारियों और सह प्रभारियों की नियुक्ति भी हो चुकी है। इस दो दिवसीय परिषद सभी को जीत के मंत्र के साथ चलने का निर्देश दिया जाएगा और 2014 से भी बड़ी जीत का संकल्प भी दोहराया जाएगा।